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अफगानिस्‍तान में फंसे लुधियाना के 24 लोग, काबुल के गुरुद्वारा साहिब में ली शरण, भारतीय फ्लाइट की प्रतीक्षा

अफगा‍निस्‍तान में एक बार फिर तालिबान के कब्जे से अफरा-तफरी का माहाैल है। वहां काफी संख्‍या में भारतीय फंस गए हैं। अफगानिस्‍तान में लुधियाना के 24 लोग भी फंस गए हैं। इन लाेगों ने काबुल के गुरुद्वारा सा‍हिब में शरण ले रखी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 07:25 AM (IST)
अफगानिस्‍तान में फंसे लुधियाना के 24 लोग, काबुल के गुरुद्वारा साहिब में ली शरण, भारतीय फ्लाइट की प्रतीक्षा
अफगा‍निस्‍तान में काफी संख्‍या में भारतीय फंसे हुए हैं। (जागरण)

लुधियाना, [राजन कैंथ]। अफानिस्‍तान में त‍ालिबान के दोबारा कब्‍जे के बाद अफरातफरी के बीच काफी संख्‍या में भारतीय भी फंसे हुए हैं। इनमें 24 लुधियाना के लोग भी हैं। इन लोगों ने काबुल के गुरुद्वारा साहिब में शरण ले रखी है। मिली सूचना के अनुसार गुरुद्वारा साहिब में करीब 200 भारतीयों ने शरण ले रखी है। इन लोगों को भारतीय फ्लाइट का इंतजार है।  

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दहशत में फंसे ये लोग वापस घर आना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है। उन्हें उम्मीद है कि मंगलवार शाम तक भारतीय सरकार की ओर से उन्हें फ्लाइट मुहैया कराई जा सकती है, जिससे वे वापस स्वदेश लौट सकेंगे। उनका कहना है कि वहां डर का माहौल है। सभी बाजार बंद हैं। न्यू शिवपुरी के संतोख नगर निवासी शेर सिंह एवं उनकी पत्‍नी बेबी कौर भी काबुल में फंसे हुए हैं। उनके बच्चे लुधियाना में हैं। वे वहां पर कारोबार के सिलसिले में आते-जाते रहते हैं।

फोन पर बात करते हुए शेर सिंह ने बताया कि वे लोग मूल रूप से लुधियाना के रहने वाले हैं, लेकिन उनका तथा उनके बच्चों का जन्म ही काबुल में हुआ है। वे लोग काबुल के शोर बाजार इलाके के रहने वाले हैं। उनकी दो बेटियां परमजीत कौर उर्फ चंदा, सावी कौर, दो बेटे अमरीक सिंह उर्फ जैकी तथा हरदेव सिंह उर्फ जिम्मी हैं। सभी की शादी लुधियाना में ही हुई है। काबुल में उनका मसाले तथा ड्राई फ्रूट का कारोबार है। वो दोनों साल में एक बार लुधियाना जाकर बच्चों से मिल आते थे। शेर सिंह ने बताया कि काबुल के गुरुद्वारा साहिब में लुधियाना के अलावा अन्य सभी लोग नई दिल्ली के रहने वाले हैं। वहां इस समय कुल 286 लोग हैं, जिनकी लिस्ट बनाकर भारत सरकार को भेजी गई है।

इन लोगों ने बताया कि काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही रविवार तालिबान के लोग एक-एक घर में गए। उनके भी घर आए। उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास कोई असलहा तो नहीं है। उनके न कहने पर वे वापस चले गए। तबसे उनके दिलों में दहशत का माहौल है। वे किसी भी तरह से वापस लुधियाना पहुंच जाना चाहते हैं।

उनके साथ लुधियाना निवासी दर्शन सिंह, भोली कौर, मान सिंह, खिन्ना सिंह, डोडी सिंह, गुरप्रीत सिंह, राजेश सिंह, मोंटू सिंह, जस्सी कौर, गामा सिंह, ताेती सिंह, नौनू सिंह, चूचा सिंह, हरदित सिंह हरो, अमरीक सिंह, बादल सिंह, गौन सिंह तथा रेनू कौर भी हैं। वे लोग वहां कालीन, कपड़ा, बर्तन व हौजरी का सामान बेचने का काम करते हैं।

सावी कौर ने बताया कि जब से माहौल खराब हुआ है। उसके माता-पिता लगातार फोन पर उनके संपर्क में है। काबुल में कर्फ्यू लगा हुआ है। सब बाजार बंद पड़े हैं। उन्हें लुधियाना लौटने के साथ साथ खाने पीने की चिंता भी सता रही है। गुरुद्वारा साहिब में इतना राशन नहीं है कि वो वहां रुके श्रनार्थियों के लिए पूरा पड़ सके।  सावी कौर ने सरकार से मांग की है कि उनके माता पिता के साथ फंसे सभी भारतीयों को स्वदेश लाया जाए। वहां रुके लोगों ने भारत सरकार को लिस्ट भेजी है। साथ ही उन्हें वहां से निकालने के लिए गुहार भी लगाई है।


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