भारत में सांप्रदायिक, जातीय ध्रुवीकरण एक राजनीतिक एजेंडा - डॉ. सुरजीत
जासं, खन्ना विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से सुपनसाज संस्था द्वारा सीनियर सिटीजन होम में भारत म
जासं, खन्ना
विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से सुपनसाज संस्था द्वारा सीनियर सिटीजन होम में भारत में सांप्रदायिक व जातीय ध्रुवीकरण की राजनीति और भगत सिंह की विचार परंपरा विषय पर सेमिनार करवाया गया। इसके मुख्य वक्ता डॉ. सुरजीत ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत मूल रूप में विविधताओं से भरपूर ऐसा देश है जिसमें धार्मिक व जातीय सदभावना और सहचार की एक महान विरासत मौजूद है। इस परंपरा के होते हुए भी तमाम राजनीतिक कोशिशों के बावजूद किसी प्रकार के सांप्रदायिक या जातीय ध्रुवीकरण को भारतीय समाज अपने आप में रचा नहीं सकता। जातीय
ध्रुवीकरण के बारे में उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम देश में मूलभूत सुविधाओं की खामियों के शिकार विशाल वर्ग और मुट्ठी भर साधन संपन्न वर्ग में हुए संसाधनों की असमान वितरण की पैदाइश है। इस कड़ी में आरक्षण का प्रचलित विरोध जातीय भेदभाव का विरोध भी साबित हो। यह जरूरी नहीं बल्कि अमूमन यह विरोध एक बार फिर से किसी जाति से कुछ अधिकारों को छीन कर दूसरी जाति को देने की कुंद भावना से ज्यादा प्रेरित है, जोकि किसी भी रूप में असली समस्या का समाधान नहीं बनता। इस मुद्दे पर बोलते हुए पंजाबी के कवि जसवंत जफर ने कहा कि इस दौर में भगत सिंह व उनके साथियों की विचारधारा और उनके द्वारा रचे गए इतिहास सहित समुचित इतिहास को तोड़ मरोड़ कर, गंभीर चिंतक भगत सिंह को एक तरफ रखकर, अपने आप को सूट करती भगत सिंह की बिगड़ी व चिंतन से हटी छवि पेश करके, विधमान व्यवस्था की ओर से अपने हित सिद्ध करने के असफल प्रयास किए जा रहे हैं। जिनका पंजाबी और भारतीय लोगों विशेष रूप में नवयुवकों को सख्ती से नोटिस लेना चाहिए। इस समारोह में बहस की शुरुआत प्रिंसिपल तरसेम बाहिया ने करते हुए लव जेहाद के नाम पर प्रचारी गई सांप्रदायिकता पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। चर्चा और सवाल जवाब की प्रक्रिया में रघुबीर सिंह, बलवीर सिंह, संदीप सिंह व गुलजार मोहम्मद ने भाग लिया। मंच संचालक की भूमिका निभाते हुए गुरप्रीत सिंह ने भगत सिंह और उसके साथियों की फासी से कुछ दिन पहले की कही और लिखी बातों के अंशों का श्रोताओं के साथ आदान प्रदान किया। अंत में सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के सचिव मास्टर मनमोहन सिंह ने इस सेमीनार के लिए सुपनसाज के वर्कर और उपस्थित श्रोताओं को बधाई देते हुए इसको सदभावना पैदा करने के सफल प्रयास के रूप में परिभाषित किया। इस अवसर पर परमजीत सिंह एडवोकेट, मलकीत सिंह, गुरप्रीत सिंह भट्टिया, जतिंदर हास, डॉ. जगदीश कौर, गुरप्रीत सिंह नसराली, हरपिंदर शाही व नेत्र सिंह भी मौजूद थे।
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