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    हिंदी बोलने में शर्म नहीं, गर्व महसूस करें

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    Updated: Sat, 12 Sep 2015 06:11 PM (IST)

    जासं, लुधियाना दैनिक जागरण की ओर से हिंदी दिवस पर शनिवार को श्री ओपी गुप्ता एसडीपी मॉडल सीनियर सेक

    जासं, लुधियाना

    दैनिक जागरण की ओर से हिंदी दिवस पर शनिवार को श्री ओपी गुप्ता एसडीपी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें स्कूल के विद्यार्थियों ने हिंदी विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंदी बोलने में शर्म महसूस करने के बजाय गर्व महसूस होना चाहिए। इससे पहले स्कूल के वाइस प्रिंसिपल राजेश कुमार ने कहा कि किसी को भी अपनी मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए।

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    स्कूल की नीरू शर्मा ने कहा कि हिंदी भाषा का पहला शब्द एच यानी ह्यूमेनिटी है। हिंदी ऐसी भाषा है, जिसमें नम्रता झलकती है। देशवासियों को हिंदी पर गर्व होना चाहिए। आधुनिक विचार हम पर इतने हावी हो गए हैं कि हिंदी भाषा का महत्व कम हो गया है।

    स्कूल की बारहवीं कक्षा की छात्रा ने कहा कि आज के समय में हिंदी भाषा ही अपने अस्तित्व की तलाश कर रही है, जोकि हमारी राष्ट्र भाषा है। हिंदी में हम भाषण तो दे देते हैं, जब पढ़ने की बारी आती है तो इंग्लिश को प्राथमिकता देने लगते हैं। हमें हिंदी भाषा को प्रसारित करना चाहिए। इस मानसिकता को बदलना चाहिए।

    जसप्रीत कौर का कहना है कि बच्चा जब जन्म लेता है तो पहला बोल वह हिंदी में ही अपने माता-पिता से सीखता है। महात्मा गांधी ने तो हिंदी को जनमानस की भाषा बताया। इसके बावजूद हम हिंदी को मातृभाषा तो कह देते हैं, लेकिन इसे बोलने में शर्म महसूस करते हैं।

    बारहवीं कक्षा की ही शमां का कहना है कि हिंदी सभी के दिलों को जोड़ने वाली है। एक समय था, जब कहा गया था कि देशभर के सभी कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग होगा, लेकिन समय बदलने के साथ इंग्लिश का प्रयोग होने लगा। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा भी इसलिए दिया गया था, क्योंकि यह भाषा देश के अधिकतर वर्ग में बोली जाती है। खेद की बात यह है कि स्वतंत्रता के 68वर्षो के बाद भी हिंदी से सौतेला व्यवहार कि किया जा रहा है। इसके दोषी एक हद तक हम खुद ही हैं।