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    नींबू की चाल चल रहीं सब्जियां, बिगड़ा रसोई का बजट

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 19 Apr 2022 11:16 PM (IST)

    सब्जियों के दाम एक बार फिर आसमान छूने लग गए हैं। पेट्रोल व डीजल में बढ़ोतरी का असर सब्जियों में भी दिखाई दे रहा है।

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    नींबू की चाल चल रहीं सब्जियां, बिगड़ा रसोई का बजट

    नरेश कद, कपूरथला:

    सब्जियों के दाम एक बार फिर आसमान छूने लग गए हैं। पेट्रोल व डीजल में हर रोज हो रही बढ़ेतरी हर आम नागरिक के जीवन पर असर डालने लगी है। इस वजह से सब्जियां मध्यवर्गीय व गरीब लोगों की थाली से दूर होने लगी हैं। दालें तो पहले ही मध्य वर्गीय लोगों की थाली से गायब हो चुकी हैं। वहीं अब बदलते मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ने से मध्य वर्गीय लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया हैं।

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    सब्जी विक्रेता राम कुमार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के बाद सब्जियों पर भी मंहगाई का असर साफ दिखने लगा है। गर्मियों में लोगों के खान-पान में सबसे अहम रोल निभाने वाली शिकंजवी की अब नींबू के बढ़ते रेटों के साथ कड़वी होती जा रही है। हरी सब्जियों के भाव तो पहले ही बढ़ रहे थे उस पर अब नींबू की आवक कम होने और डिमांड बढ़ने की वजह से इसके दाम आसमान छूने लगा है। दुकान से लेकर घर तक बुरी नजर से बचाने के लिए नींबू-मिर्च लटकाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है, लेकिन दूसरों को नजर से बचाने वाले नींबू-मिर्च को अब खुद को ही महंगाई की नजर लग गई है।

    सबजी विक्रेता राम कुमार का कहना है कि पेट्रोल डीजल के दाम बदने के साथ-साथ सब्जी, तेल, सीमेंट जैसे अन्य सामान के दाम बढ़ने लगे। यही हाल रहा तो आम जनता का क्या होगा। उन्होंने कहा कि गर्मी आते ही नींबू के दाम आसमान छूने लगे हैं। ऐसे में देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आम लोगों पर एक बार फिर से महंगाई का बड़ा असर पड़ने वाला है। जानकारी के मुताबिक, एक नींबू की कीमत 8-10 रुपये हो गई है। परचून बाजार में नींबू के दाम 250 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। बाजार में पिछले माह नींबू 50-60 रुपये किलो बिक रहे थे।

    कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर डा. सतबीर सिंह के मुताबिक नींबू के इतना महंगा बिकने के पीछे सबसे बड़ी वजह मौसम है। देश के पश्चिमी भाग में बेमौसम बारिश और मौसम में बदलाव के कारण नींबू की फसल प्रभावित हुई, जिस कारण उत्पादन प्रभावित हो गया। अब गर्मी में नींबू की मांग बढ़ने के कारण उसके दाम बढ़ गए हैं। हरी सब्जियों की अगर बात करें तो भिडी, लौकी, बैंगन, करैला के रेट सबसे अधिक है। वहीं हरी मिर्च भी 100 रुपये प्रति किलो बिक रही है। सब्जी खरीदने आई प्रभा देवी का कहना है कि सब्जियां महंगी होने से कम सब्जियां खरीद पा रहे हैं। जहां पहले 100 रुपये की सब्जी खरीदते थे, वहां अब 200-250 रुपये की सब्जी खरीदते हैं। कई सब्जियां तो फल से भी मंहगी हो गई हैं। सब्जियों की कीमतें बढ़ने से न केवल महिलाओं के किचन का बजट बिगड़ रहा है, बल्कि आम आदमी की थाली से भी हरी सब्जियां दूर होती जा रही हैं।

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