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    फगवाड़ा के प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित हैं उलटा शिवलिंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 22 Feb 2017 08:24 PM (IST)

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    फगवाड़ा के प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित हैं उलटा शिवलिंग

    संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : शहर में पंद्रहवीं शताब्दी का प्राचीन भगवान शिव शकर का एक ऐसा मंदिर हैं जिसमें शिवलिंग उलटा स्थापित है। जानकारी के अनुसार सिर्फ 2 स्थलों पर उलटे स्वरूप में भगवान शकर का स्वरूप स्थापित है। दूसरा स्थल मध्य प्रदेश में प्राचीन मंदिर श्री अकलेश्वर महादेव है। मान्यता है कि प्राचीन शिव मंदिर पक्का बाग स्टार्च मिल फगवाड़ा के इस मंदिर में लगभग 500 वर्ष पूर्व जब शिवलिंग की स्थापना की जाने लगी तो कश्मीरी पंडितों को बुलाकर मूर्ति पूजन किया गया। पूजन के बाद लाला पोलो राम जिन्होंने मूर्ति स्थापना करवाने की पंडितों के साथ ही मिस्त्री को मूर्ति को जमीन में गाड़ने को निर्देश देकर चले गए। मिस्त्री को समझ नहीं आया कि कौन सा हिस्सा जमीन के अंदर स्थापित किया जाए। मिस्त्री ने नुकीला हिस्सा जमीन में गाड़ दिया। शाम को जब पोलो राम और पंडित आए तो उन्होंने देखा कि मूर्ति को उलटा स्थापित कर दिया गया है। पंडितों ने पोलो राम को मूर्ति को सीधा करने का निर्देश दिया। उस शिव स्वरूप मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी थी और उसे उखाड़ना संभव न हुआ। मिस्त्री ने पोलो राम के आदेश शिवलिंग को उखाड़ने के प्रयास में हथौड़े से प्रयास किया तो प्रथम प्रहार में शिवलिंग में से जलधारा बह निकली, दूसरे प्रहार से दूध की धारा बहने लगी और तीसरे प्रहार में रक्त निकलने लगा। इस दौरान भविष्यबाणी हुई जाओ पोलो राम तुम्हारा सर्वनाश हो जाए। यह शिवलिंग पिछले लगभग 500 वर्षो से उसी स्थान पर उलटी अवस्था में स्थापित है। इस मंदिर में सैंकड़ों लोग रोजाना माथा टेकने आते है और सोमवार को इस मंदिर में मेले जैसा माहौल होता है। वर्तमान में मंदिर कमेटी के प्रधान अश्विनी सुधीर, महासचिव इंद्रजीत कालड़ा, समाज सेवक मधू भूषण कालिया व मंदिर कमेटी के सदस्यों की सेवाभाव से इस मंदिर का स्वरूप ही बदल गया है। मंदिर में भगवान शकर के अलावा गुरु नानक देव, गुरुगोबिंद सिंह, मा दुर्गा, मा सरस्वती, बजरग बली हनुमान, राम दरबार, श्री कृष्ण, स्वर्ण मंदिर एवं बाबा बालक नाथ जी के भव्य चित्र लगाए गए है। मंदिर में भव्य सत्संग भवन भी बनाया गया है। मंदिर के साथ लगती जगह पर शनि मंदिर की स्थापना की गई। मंदिर कमेटी द्वारा डिस्पेंसरी की स्थापना के बाद यहा सस्ती दरों मरीजों की एक्सरे और स्केनिंग की जा रही है।

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