कपूरथला में बारिश के कहर में ढही घर की छत, खुले आसमान के तले रहने को मजबूर पूरा परिवार
कपूरथला के मोहल्ला शेरगढ़ में भारी बारिश के कारण एक घर के दो कमरों की छतें गिर गईं जिससे परिवार बेघर हो गया। अमित कुमार का परिवार जिसमें पत्नी और दो बच्चे हैं खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। नगर निगम प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और परिवार को सुरक्षित स्थान पर भेजने के आदेश दिए।

जागरण संवाददाता, कपूरथला। कपूरथला शहर के बीचों-बीच मोहल्ला शेरगढ़ वार्ड नंबर 29 में मंगलवार सुबह करीब 4 बजे उस समय बड़ा हादसा हो गया जब लगातार हो रही भारी बारिश के चलते एक ही घर के दो कमरों की दोनों छत्तें अचानक भरभरा कर नीचे गिर गईं।
हादसा इतना भयानक था कि पूरा मोहल्ला दहल उठा। गनीमत रही कि हादसे के समय परिवार के सदस्य किसी तरह बच निकले और जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन घर के अंदर रखा सारा सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया।
टूटे हुए मकान के मलबे और लगातार बरसती बारिश के बीच पीड़ित परिवार को खुले आसमान तले तरपाल डालकर रात बितानी पड़ी। मासूम बच्चों समेत पूरे परिवार की हालत दयनीय हो गई है।
पीड़ित अमित कुमार पुत्र रमेश कुमार निवासी मोहल्ला शेरगढ़ ने रोते हुए बताया कि वह ड्रावरिंग का काम करके बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा करते हैं।घर में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
पहले ही आमदनी इतनी कम है कि किसी तरह रोटी-पानी का प्रबंध होता है, लेकिन अब दोनों कमरों की छत गिरने से पूरा परिवार बेघर हो गया है।
अमित कुमार ने कहा कि अब उनके पास ना रहने के लिए छत बची है और ना ही घर का सामान। परिवार के सामने सिर छिपाने तक का संकट खड़ा हो गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही पीड़ित ने दैनिक जागरण की टीम को मौके पर बुलाया।
जब टीम ने यह मुद्दा नगर निगम कमिश्नर के सामने रखा तो निगम प्रशासन तुरंत हरकत में आया। नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
तुरंत कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर भेजने के आदेश दिए गए और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया गया।
इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि लगातार बारिश से शहर के कई पुराने और जर्जर मकान खतरे की जद में आ चुके हैं।
यदि नगर निगम ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। स्थानीय निवासियों ने निगम प्रशासन से मांग की है कि ऐसे प्रभावित परिवारों को तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और सुरक्षित आवास की व्यवस्था की जाए।
मोहल्ले के लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन बरसात से पहले जर्जर मकानों की सूची बनाकर कार्रवाई करने में पूरी तरह नाकाम रहा है।
लोगों का कहना है कि यदि निगम पहले ही सतर्क होता तो इस तरह की नौबत कभी नहीं आती। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि गरीब और मजदूर परिवारों की पीड़ा को समझते हुए राहत कार्यों में तेजी लाई जाए और टूटे घरों के पुनर्निर्माण के लिए विशेष फंड जारी किया जाए।
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