सुल्तानपुर लोधी की चंडीगढ़ बस्ती में सीवरेज जाम, सफाई व्यवस्था चरमराई
पावन नगरी सुल्तानपुर लोधी के स्टेशन पार चंडीगढ़ बस्ती के नाम से जाने जाते सुल्तानपुर लोधी रूरल क्षेत्र में सीवरेज जाम होने तथा कई जगहों पर गंदगी के ढेर व नालियों से बिलबिलाता गंदगी युक्त पानी जहाँ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोलता है , वहीं उक्त बस्ती के प्रति प्रशासकीय अनदेखी की भी दास्ताँ ब्यां करता है । वहाँ के बा¨शदे नारकीय जीवन जीने
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : श्री गुरुनानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव को लेकर बेशक पंजाब सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन सुल्तानपुर लोधी की चंडीगढ़ बस्ती की किसी ने सुध नही ली है। इस बस्ती की गलियों में आज भी पानी रिसता रहता है। टूटी नालियां व गलियों से लोग बेहद परेशान है। सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है, हालाकि संत सीचेवाल ने इस बस्ती के पास स्थित रेलवे स्टेशन व उसके आसपास की जगह को काफी संवारा है लेकिन सरकारी तौर पर अभी यह बस्ती नजर अंदाज ही है।
कस्बा सुल्तानपुर लोधी के स्टेशन की दूसरी तरफ चंडीगढ़ बस्ती के नाम से जाने जाते सुल्तानपुर लोधी रुरल क्षेत्र में सीवरेज जाम होने गलियों में गंदा पानी जमा रहता है। जगह-जगह गंदगी के ढ़ेर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोलता है। लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। गौरतलब है कि उक्त बस्ती गत लगभग बीस वर्षों से पंचायत के माध्यम से मूलभूत सुविधा जुटाने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी भी विकास से कोसो दूर नजर आती है। जानकारी अनुसार पंचायती भूमि के अभाव में ना तो अभी तक वहां पर सीवरेज व जल आपूर्ति हेतु पानी की मोटर का प्रबंध मुमकिन हो सका है और न ही पर जल निकासी हेतु कोई ठोस कार्य योजना को अमली रूप दिया गया है। मौका मुआयना करने पर पाया गया कि कई स्थानों पर सीवर जाम है। बस्ती के वार्ड नंबर 2 के बाहर तो एक जगह पर सीवर लीक से जल आपूर्ति का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। दूषित पानी पीने से लोग बीमार होने लगे तो पंचायत ने लोगों से पैसे एकत्रित कर निजी तौर पर मशीन मंगवा कर ठीक कराने का प्रयास शुरू किया।
दूषित पानी पीने से लोग हो रहे बीमार
सीवरेज की समस्या से निपटने हेतु गांववासी जलपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड अधिकारियों से मिलकर गुहार लगा चुके हैं। अधिकारियों ने पेयजल आपूर्ति के लिए मोटर लगा कर देने के लिए जमीन की मांग की, मगर पंचायत कहां से जमीन लाए। बस्ती के निवासी धर्म पाल, ¨डपल, रामेश तथा दर्शन व अन्य ने बताया कि प्रदूषित जल पीने से लोग बीमार हो रहे हैं परंतु प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है। उन्होंने प्रशासन से बस्ती की समस्यायों का निराकरण करने तथा मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु गुहार लगाई है।
बस्ती के एकमात्र प्राइमरी स्कूल में सिर्फ दो कमरे
उन्होंने बताया कि बस्ती के एकमात्र सरकारी प्राइमरी स्कूल में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मात्र दो कमरे ही बनाए गए हैं, जो कि नकाफी हैं।
पंचायती जमीन ना होने से जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर
उधर पंचायती भूमि ना होने के चलते बस्ती के कई स्थानों पर गंदगी के ढेर नजर आ रहे हैं। वहां पर पौधे लगा कर क्षेत्र को मनमोहक छवि प्रदान करने हेतु पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर ¨सह सीचेवाल के प्रयासों को भी ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है।
सीवरेज व वाटर सप्लाई का कार्य करवाया गया है : सरपंच
इस संबंध में सरपंच कमलेश रानी का कहना है कि उनके बतौर सरपंच कार्यभार संभालने के बाद उनकी पंचायत को दस लाख रुपये की अनुदान राशि पूर्व वित्त मंत्री डॉ. उ¨पदरजीत कौर के प्रयासों से प्राप्त हुई थी जिसको गांव की गलियों व नालियों को बनाने पर खर्च किया गया। पंचायत सदस्य सुखजीत बिट्टू, सुरजीत, राणों तथा हरप्रीत ¨सह के प्रयासों से सरकारी ग्रांट से बस्ती में सीवरेज व वाटर सप्लाई का कार्य करवाया गया है। उन्होंने कहा कि बेहतर जल आपूर्ति एवं दुरुस्त सीवरेज के लिए लोगों का सहयोग भी पूर्ण रूप से अपेक्षित है। उन्होंने बस्ती के लोगों से घरों की गंदगी व प्लास्टिक के लिफाफे इत्यादि को सीवरेज में न डालने की अपील करते हुए बताया कि जन सहयोग के साथ निजी रुचि लेकर बस्ती के सीवर तंत्र को बहाल करने तथा शीघ्र सफाई करवाने की ओर कदम उठा रही हैं।
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