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    Punjab News: कपूरथला में बहे अस्थाई तटबंध, पठानकोट के प्राचीन मुक्तेश्वर धाम में भारी भूस्खलन

    कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी के मंड इलाके में पाने ने तबाही मच गई है। यहां दरिया के किनारों पर बनाए गए तटबंध पानी के बाहव में बह गए हैं। फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों के लोगों लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरिया के किनारों पर बनाए गए तटबंध पानी के बाहव में बह गए हैं और लगातार पानी बाढ़ प्रभावित इलाकों में बढ़ रहा है।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Sun, 24 Aug 2025 11:29 AM (IST)
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    मंड क्षेत्र के लोग नाव के सहारे नदी पार करते हुए

    संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला)। होशियारपुर जिले के पौंग बांध और रूपनगर के नंगल डैम से लगातार छोड़े जा रहे पानी से बाढ़ की चपेट में आए सुल्तानपुर लोधी और फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों के लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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    पौंग बांध से ब्यास दरिया में छोड़े गए पानी ने सुल्तानपुर लोधी के मंड इलाके में भारी तबाही मचाई है। यहां दरिया के किनारों पर बनाए गए तटबंध पानी के बाहव में बह गए हैं और लगातार पानी बाढ़ प्रभावित इलाकों में बढ़ रहा है। ऐसे ही हालात फाजिल्का जिले के सीमावर्ती गांवों के हैं।

    सतलुज का जलस्तर बढ़ने से यहां बाढ़ प्रभावित लोगों ने अब पलायन करना शुरू कर दिया है। दोनों ही जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलें और सड़कें पानी में डूबी हुई हैं। यहां लोग आने-जाने के लिए नांव का सहारा ले रहे हैं। यही नहीं, इन इलाकों में पीने के पानी और पशुओं के चारे की भारी कमी है।

    उधर, शनिवार को पठानकोट के शाहपुरकंडी से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव डुंग में स्थित प्रसिद्ध प्राचीन मुक्तेश्वर धाम मंदिर के पास भूस्खलन होने से यहां यात्रियों के लिए बनाए गए शौचालय और स्नानागार इसकी चपेट में आए हैं।

    यहां शनिवार सुबह करीब चार बजे भारी लैंड स्लाइडिंग हुई। मंदिर क्षेत्र में भी भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है। शनिवार को राज्य के कई जिलों में वर्षा हुई। मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार सबसे अधिक 50.8 मिलीमीटर वर्षा लुधियाना में रिकॉर्ड की गई।