Updated: Thu, 18 Sep 2025 09:28 PM (IST)
ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसकर बच्चे अनजाने में अपने परिवार के बैंक खातों को फ्रीज करवा रहे हैं। साइबर ठग बच्चों को लुभाकर उनसे पैसे ठगते हैं और फिर उनके परिजनों के खातों को फ्रीज करवा देते हैं। पुलिस के अनुसार पिछले एक साल में कई खाते फ्रीज हुए हैं जिनमें ऑनलाइन गेमिंग का संबंध पाया गया है।
अमित ओहरी, फगवाड़ा। साइबर ठग अब बच्चों को निशाना बना रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में वे मासूमों को लालच देकर न सिर्फ पैसे ठग रहे हैं, बल्कि परिजनों के बैंक और गूगल पे अकाउंट तक फ्रीज करवा रहे हैं। परिजनों को अपने खाते देबारा चालू करवाने के लिए बैंक और पुलिस थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
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पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, पिछले एक साल में काफी बैंक खाते साइबर ठगी में इस्तेमाल होने पर फ्रीज किए गए। इनमें से अधिकतर खाते ऑनलाइन गेमिंग या अज्ञात खातों में पैसे ट्रांसफर करने से जुड़े थे। जागरूकता अभियान के बावजूद लोग बार-बार वही गलती दोहरा रहे हैं।
साइबर ठग बच्चों को गेम जीतने के बाद मुनाफा देने का झांसा देकर पैसे तो ठग रहे हैं। साथ ही परिजनों के गूगल पे और बैंक अकाउंट को फ्रीज करवा रहे हैं। जिससे परिजन परेशान हैं। उन्हें खातों को री-ओपन करवाने के लिए कभी बैंक तो कभी थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
गेम डाउनलोड करो और पैसे कमाओ की टैगलाइन देते हैं ठग साइबर फ्रॉड करने वाले ऑनलाइन अलग-अलग प्लेटफार्म पर एक एड दिखाते हैं, जिसमें गेम डाउनलोड करो और पैसे कमाओं की टैगलाइन दी जाती है। बच्चे उक्त गेम को डाउनलोड का लेते हैं और फिर उस गेम को खेलने के लिए उसने कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है।
जब भी पैसे गूगल पे व फिर खाते से ट्रांसफर करते हैं तो उक्त खाते के साथ उनकी ट्रांजेक्शन हो जाती है। जिसके बाद एकदम से जिस खाते से पैसे ट्रांसफर होते हैं, वो खाता ब्लाक हो जाता है, क्योंकि जिस खाते में वो पैसे ट्रांसफर करते हैं, उसमें सिर्फ ठगी के पैसे ही ट्रांसफर होते हैं। ठगी के खाते की ट्रांजेक्शन पर पहले से ही साइबर सेल की पुलिस की नजर होती है. जिसकी वजह से उक्त खाते में पैसे ट्रांसफर करने वाले हर खाते को फ्रीज कर दिया जाता है।
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