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Punjab News: ठंड का बरपा कहर आलू पर दिखा असर, कम उत्पादन से दाम बढ़ने की उम्मीद; आपकी होगी जेब ढीली

इस बार ठंड के प्रकोप का असर आलू की फसल पर ज्यादा पड़ा है। जिस कारण से आलू के दामों बढ़ोतरी होने के आसार हैं। इससे एक वर्ग खुश होगा तो वहीं दूसरा वर्ग दाम बढ़ने से निराश होगा। जी हां किसानों को दाम बढ़ने से फायदे होंगे तो आम लोगों की जेब ढीली होगी। ज्यादा ठंड होने और धूप ना निकलने के कारण आलू का साइज छोटा रह गया।

By harnek Singh Edited By: Monu Kumar JhaPublished: Tue, 27 Feb 2024 09:35 AM (IST)Updated: Tue, 27 Feb 2024 09:35 AM (IST)
जिले के गांव शिकारपुर में जगजीत सिंह के खेतों से आलू की चुगाई करते हुए मजदूर।

जागरण संवाददाता, कपूरथला। इन दिनों जिले में आलू की पुटाई का काम काफी तेजी से चल रही है। इस बार ज्यादा ठंड की वजह से आलू का साइज (Cold havoc on potato production) तो ज्यादा बड़ा नही हुआ है लेकिन आलू का रेट पिछले सालों की तुलना में काफी बढ़ा है। उत्पादन की कमी को आलू के बढ़ों दामों की वजह से भरपाई होने की उम्मीद हैं। जिले में आलू की लगभग दस हजार हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है।

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पिछले तीन सालों से मंदी की मार झेल रहे कई किसानों ने आलू की खेती करना कम कर दिया था। इसके चलते करीब एक हजार हैक्टेयर में इस साल आलू की कम बिजाई हुई है। इस बार कीमत में इजाफा होने से आलू उत्पादकों के लिए मौजूदा सीजन काफी राहत लेकर आया है। ज्यादा ठंड व धूप ना निकलने के कारण आलू का साइज ज्यादा मोटा नहीं हो सका है।

इससे आलू के उत्पादन में करीब 20 क्विंटल तक की कमी दर्ज की जा रही है। जिला बागबानी विभाग के प्रमुख डा. सुखदीप सिंह का कहना है कि इस बार आलू की फसल बिल्कुल बीमारी रहित रही है लेकिन ज्यादा ठंड की वजह से आलू ज्यादा मोटा नही हो सका है। छोटे आलू को बीज के लिए बेहतरीन माना जाता है।

उन्होंने बताया कि पंजाब एवं खासकर दोआबा के आलू को पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, यूपी, राजस्थान आदि में सीड के लिए मंगवाया जाता है, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है। उन्होंने बताया कि पंजाब के कई किसानों की ओर से कर्नाटक में अपने कोल्ड स्टोर भी बना लिए हैं। जिसमें वह आलू स्टोर कर अधिक मुनाफा कमाते हैं। उल्लेखनीय है कि आलू के उत्पादन पर आठ से नौ रुपये लागत आ रही है।

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जबकि पिछले दो तीन सालों से मार्केट में किसानों का आलू पांच से सात रुपये प्रति किलो ही बिकता रहा है। पंजाब के पास कोई बंदरगाह ना होने के कारण राज्य के किसानों को आलू की बर्बादी झेलने को मजबूर होना पड़ता है।

लगातार मंदी के कारण नुकसान झेलने को मजबूर कई किसान पिछले साल आलू की खेती से किनारा कर चुके हैं लेकिन इस बार अच्छी कीमत मिलने से आलू उत्पादक किसानों के चेहरों पर काफी खुशी देखी जा सकती है। पंजाब में पिछले साल 5.5 करोड़ क्विंटल आलू की पैदावार हुई थी और इस बार इस पैदावार में कुछ कमी आ सकती है।

किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद

गांव शिकारपुर के किसान जगजीत सिंह व परविंदर सिंह थिंद ने बताया कि इस बार आलू की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। पंजाब पोटेटो एसोसिएशन के सदस्य व गांव बरिंदपुर के किसान कुलदीप सिंह ढो़ट का कहना है कि आलू पर सात से आठ रुपये, मटर पर 12 रुपये, गाजर व गोभी पर छह रुपये, टमाटर पर नौ से 10 व प्याज पर आठ से दस रुपये लागत आती है। पिछले कुछ सालों से रेट काफी कम रहने से आलू उत्पादक किसान करोड़ों रुपये के कर्ज में दब चुके थे।

लेकिन इस बार उन्हें मंदी के दौर से निकलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस बार आलू का साइज नही बढ है लेकिन उसे बंगाल, बिहार, माध्य प्रदेश, करनाटिका, राजस्थान आदि राज्यों को बीज के लिए भेजा जा रहा है। गांव जैनपुर के किसान सोनू व काला का कहना है कि आलू का साइज कम होने से उत्पादन कम होने का खेद तो है लेकिन अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद से किसान उत्साहित है।

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