पत्रकारिता में AI कितना जरूरी? कपूरथला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर सेमिनार में पंजाब के 150 कॉलेज जुड़े
पंजाब के कपूरथला जिले में पुष्पा गुजराल साइंस सिटी द्वारा पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार में पंजाब के विभिन्न कॉलेजों के 150 से अधिक विद्यार्थियों शिक्षकों और युवा पत्रकारों ने भाग लिया। साइंस सिटी के डायरेक्टर डॉ. राजेश ग्रोवर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विज्ञान तकनीक और संचार के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी दी।

जागरण संवाददाता, कपूरथला। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं के कौशल को निखारने के उद्देश्य से पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में 150 से अधिक पत्रकारिता और जनसंचार से जुड़े पंजाब के विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों समेत युवा पत्रकारों ने भाग लिया।
इस सेमिनार ने जहां पत्रकारिता और जनसंचार के छात्रों को पत्रकारिता के क्षेत्र में आए नए रुझानों की समझ को गहरा किया, वहीं इसी के साथ एआई का एक ऐसा प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराया गया, जिसके माध्यम से पत्रकारिता को एक नया आकार दिया जा सकता है।
इस मौके पर साइंस सिटी के डायरेक्टर डॉ. राजेश ग्रोवर ने छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विज्ञान, तकनीक और संचार के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ए.आई. के साथ जहां डेटा विश्लेषण में तेजी आई है, वहीं यह उन्नत प्रेक्षण का समर्थन करने के साथ-साथ रोज़मर्रा के कामों को स्वचालित भी करता है, जिसमें उत्पादकता और रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
AI की चुनौतियों पर दिया गया जोर
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में समय की बचत के साथ विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए एआई का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इस मौके पर डॉ. ग्रोवर ने एआई की चुनौतियों, जैसे कि डाटा गोपनीयता और नैतिकता के पहलुओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाचार लिखने और रिपोर्टिंग में एआई की जिम्मेदारी से इस्तेमाल तभी हो सकता है, जब इसकी सही और पूरी ट्रेनिंग हो।
इस मौके पर पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के एजुकेशनल मल्टीमीडिया अनुसंधान केंद्र के निदेशक दिलजीत आमी मुख्य वक्ता के तौर पर हाजिर हुए। डॉ. आमी ने विद्यार्थियों को बताया कि एआई के साथ जानकारी एकत्र करने, जांच, पुष्टि और साझा करने में बदलाव आने के साथ-साथ पत्रकारिता में नए रुझान पैदा हुए हैं।
'पत्रकारिता क्षेत्र की दक्षता में आया निखार'
उन्होंने कहा कि एआई के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में दक्षता में निखार आया है और यह रिपोर्टिंग में भरोसेमंदता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जन-संचार के विद्यार्थियों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और प्रभावों पर आधारित एक रेडियो फीचर बनाने का मुकाबला भी कराया गया और विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिए गए।
इस मुकाबले में पहला पुरस्कार 3000 रुपये का नकद पुरस्कार एचएमवी कॉलेज जालंधर की साक्षी बडोला ने जीता, जबकि गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर की लीसा लूना और ईशिता सहगल क्रमवार दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। इसी तरह जीएएनएफ जूतीका वालिया को हौसला अफजाई पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया।
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