श्री कृष्ण वृंदावन बिहारी लाल की जय के लगे जयकारे
संवाद सहयोगी, कपूरथला : नटखट कृष्ण गोपाल, राधा का कृष्ण गोपाल, माखन चोर, लड्डू गोपाल, गोपियों का प ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, कपूरथला : नटखट कृष्ण गोपाल, राधा का कृष्ण गोपाल, माखन चोर, लड्डू गोपाल, गोपियों का प्यारा कान्हां पधारो आ गए कान्हां आदि भजन गूंज रहे थे। मौका था श्री कृष्ण जन्माष्टमी का। जैसे ही शनिवार के रात 12 बजे..शहर के मंदिरों में घंटियों, शंख की धुन पर मेरा श्याम आ गया मेरे ठाकुर आ गए, श्री कृष्ण वृदांवन बिहारी लाल की जय के जयघोष लगाने शुरू हो गए। सारा वातावरण श्रीकृष्णमय हो गय। श्री कृष्ण की प्रतिमा समक्ष माथा टेकने और झूला झुलाने का दौर शुरू हो गया।
भगवान का जन्म होने की खुशी में भक्तों ने केक काटा और आतिशबाजी कर आसमान में बिजली जगमगा दी। हर तरफ जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण हो उठी। भक्तों ने भगवान के जन्म दिन का खुशियां मना कर खुद को कृताथ किया। इससे पहले शनिवार दिन में मंदिर सजाने का दौरा चला तो शाम करीब 5 बजे से ही शहर के मंदिरों में भक्तजनों के कन्हैया के दर्शनों के लिए लंबी-लंबी कतारें लगने शुरू हो गोई थीं। शहर के माल रोड पर स्थित श्री मणि महेश मंदिर, प्राचीन पंच मुखी शिव मंदिर कचहरी चौक, प्राचीन शिव मंदिर बाम्बे मोटर, श्री सनातन धर्म सभा, श्री शनि धाम मंदिर शालीमार बाग, ब्राह्मकुंड मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर जालंधर बाईपास, माता भद्रकाली मंदिर शेखूपुर, श्री सत्य नारायण मंदिर, श्री महारानी साहिबा मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर लाहौरी गेट व अन्य कई मंदिरों को विभिन्न रंग-बिरंगी लाइटों के साथ सजाया गया था।
मंदिर में प्रबधक कमेटी की ओर से मंदिर को सजाने के अलावा झांकियां बनाई गई थीं। श्री राधा कृष्ण की विभिन्न सुंदर झाकियां भक्तों का मन-मोह रही थीं। बाल रूप धरे बच्चे लोगों को अपनी ओर बरबस ही खींच ले रहे थे। कहीं माखन चोर माखन खाते दिखाए दे रहे थे तो कहीं गायों के संग कृष्ण कन्हैया खड़े थे। गोपियों संग नाच रहे है। झूले में लड्डू गोपाल विराजमान है।
दूसरी ओर सभी मंदिरों में भजन मंडलियों के भजनों का दौर चला। मंडलियों ने श्री कृष्ण भगवान के भजनों का गुणगान कर आए हुए भक्तजनों को नाचने-झूमने पर मजबूर कर दिया। रात ठीक 11:59 पर मंदिर की लाइटें बंद कर दी गई। जैसे ही 12 बजे घंटे शंख बज उठे। जय श्री कृष्ण के जयकारे लगने लगे। लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और लोगों ने माथा टेक कर विश्व कल्याण की कामना की। इसके उपरांत आरती व चूरमे का प्रसाद भक्तों में बांटा गया।

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