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    Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे पंजाब के किसान, इस दिन होंगे रवाना; जानें क्या है उनकी मांगें

    Updated: Mon, 28 Oct 2024 09:03 AM (IST)

    शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान अपनी मांगों को लेकर अब भी डटे हुए हैं। वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की नडाला जोन ने भी शंभू बॉर्डर पर जाने का एलान किया है। किसान 30 अक्टूबर को शंभू बॉर्डर के लिए रवाना होंगे और 10 दिन तक मोर्चा संभालेंगे। किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून 200 दिन मनरेगा मांगों को पूरा करे।

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    30 अक्टूबर को शंभू बॉर्डर जाएंगे किसान

    संवाद सहयोगी, कपूरथला। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब जोन नडाला की बैठक जोन प्रधान निशान सिंह, जिला सचिव निर्मल सिंह मंड, प्रेस सचिव गग्गी हमीरा की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि जोन नडाला के सैकड़ों किसान, मजदूर व महिलाएं 30 अक्टूबर को शंभू बॉर्डर के लिए रवाना होंगे तथा 10 दिन मोर्चा में हाजरी लगाएंगे। बैठक में प्रदेश नेता सतनाम सिंह पन्नू व जिला प्रधान सरवण सिंह बाऊपुर भी मौजूद रहे।

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    किसानों को परेशान करने का लगाया आरोप

    उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून, 200 दिन मनरेगा और 700 रुपये दिहाड़ी, खेतीबाड़ी को प्रदूषित क्षेत्र से बाहर करना आदि मांगों को पूरा नहीं करती, संघर्ष जारी रखा जाएगा।

    नेताओं ने कहा कि केंद्र व पंजाब सरकार द्वारा जानबूझ कर धान की खरीद नहीं की जा रही और किसानों को परेशान किया जा रहा है। किसानों की धान की फसल 300-400 रुपए प्रति क्विंटल कम दाम पर खरीदा जा रहा है।

    जानें क्या है किसानों की मांगे

    सरकार एनजीटी के आदेशानुसार किसानों को पराली की संभाल के लिए चार हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खर्चा दें। उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी की कमी है। यदि सरकार ने डीएपी की कमी को पूरा नहीं किया तो आगामी दिनों में सरकार के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया जाएगा।

    इस अवसर पर दर्शन सिंह, सर्बजीत सिंह, कमलजीत घग्ग, जरनैल सिंह, बसंत सिंह, जगीर सिंह, रणजीत सिंह, परमजीत सिंह, केवल सिंह, कुलदीप सिंह, हरजीत कौर, गुरबख्श कौर प्रीती, परमजीत कौर, निर्मल कौर, गुरविंदर सिंह व अन्य मौजूद रहे।

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    8 महीने से बंद है शंभू बॉर्डर

    हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर (Haryana-Punjab border) सील हुए आठ माह पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी भी स्थिति जस की तस है। करीब आधा किलोमीटर का बॉर्डर सील होने से अब तक अरबों रुपयों का नुकसान हो चुका है और रोजाना लोगों को मौत के कच्चे रास्तों से आवाजाही करनी पड़ रही है। किसान दिल्ली कूच का इरादा नहीं बदल रहे और हरियाणा सरकार ट्रैक्टर-ट्रालियों पर दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दे रही।

    वाहनों की आवाजाही बंद

    शंभू बॉर्डर सील होने से वाहनों आवाजाही पूरी तरह से बंद है। करीब 60 हजार वाहन चालकों को रास्ता बदलकर लंबे रूट से जाना पड़ रहा है। डीजल और पेट्रोल की खपत भी बढ़ गई है। नेशनल हाईवे अथारिटी को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

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