डाइटिंग की बजाय 'आउटिंग' को कहें गुडबाय
कॉमन इंट्रो
संतुलित पौष्टिक आहार से तोंद को 'गुड बाय' कहने की आदत डालें। वहीं जीभ के 'चटकारे' पर अंकुश लगाएं। वरना, तोंद के साथ बीमारियों का 'टोकरा' उठाने के लिए तैयार रहें। डाइटिंग की बजाय आउटिंग पर लगाम लगाएं, और घर का बना दाल-फुलका खाकर प्रभु गुण गाने को दिनचर्या में शुमार करें। तभी हृष्ट-पुष्ट शरीर के साथ आनंदमयी जीवन जिया जा सकेगा। घर की रसोई से निकल कर होटल का कैंडल लाइट डिनर की बहुतायत ही तोंद की 'वरदान' हैं। तोंद को घटाने और संतुलित आहार लेने पर केंद्रित रिपोर्ट पेश कर रहे हैं फगवाड़ा से जागरण प्रतिनिधि अमित ओहरी:-
अब तोंद व्यापारी, नौकरीपेशा, घरेलू महिलाएं से लेकर बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। लेकिन डाक्टर इसे शुभ संकेत नहीं मान रहे। क्योंकि तोंद ही बीमारियों की मुख्य जड़ है। वहीं ये उच्च रक्तचाप, हृदयाघात व अन्य घातक बीमारियों की जन्मदाता भी है। यह सब बर्गर, चाऊमीन, पिज्जा, मोमो एवं कोल्ड ड्रिंक, चाय, पकौड़े व बिस्किट का सर्वाधिक सेवन जिम्मेदार है। इस तोंद को कम करने को लेकर डाइटिंग का सहारा लिया जाता है, जोकि शारीरिक अक्षमता दे देती है। लेकिन डाक्टर उम्र के हिसाब से कैलोरी के सेवन को मोटापे से दूर रहने के साथ-साथ आउटिंग को जिंदगी से 'गुडबाय' कहने की सलाह दे रहे हैं।
बाहर का खाना तोंद का बढ़ता ही मुख्य वजह : डा. कुमार
वरिष्ठ फिजीशियन डाक्टर राजिंदर कुमार बताते हैं कि आजकल लोग घर के संतुलित भोजन की बजाय बाहर का खाना ज्यादा पंसद करते हैं। इसलिए यी समस्या आ रही है। वे कहते हैं कि घर में तीन समस्या खाने वाले व्यक्ति को 1400 से 1600 तक कैलोरी मिल जाती है। जो दिन भर कार्य कने के लिए पर्याप्त है। फिजीकल वर्क के हिसाब से इसकी मात्रा, बढ़ती जाती है। इससे ग्रोइंग स्टेज में तो एक्स्ट्रा कैलोरी शरीर में डिपाजिट हो जाती है लेकिन उम्र के 25वें वर्ष के पश्चात यह लीवर के आसपास चोरों ओर पेट की मांसपेशियों के ऊपर तोंद के रूप में जमा होने लगती है।
आदर्श दैनिक डाइट चार्ट :
ब्रेक फास्ट : एक बड़ा गिलास मौसमी का जूस, एक मध्यम कटोरी दलिया या मध्यम कटोरी अंकुरित चने या आधी कटोरी दही, एक कटोरी सब्जी व दो से तीन रोटी।
लंच : एक बड़ी कटोरी दाल, आधी छोटी कटोरी सब्जी, दो रोटी, आधी छोटी कटोरी चावल व सलाद।
डिनर : एक कटोरी सब्जी, दो से तीन रोटी, एक कटोरी दाल, आधी कटोरी फ्रूट चाट, आखिर में कुछ मीठा और बाद में सोने से पूर्व एक गिलास गुनगुना दूध।
कैसे निकलती है तोंद?
वरिष्ठ सर्जन राजीव गुप्ता कहते हैं कि तोंद का पूरा सिस्टम एक बैंक की तरह काम करता है। हम दिन भर जो भी खाते हैं वो यही पर डिपाजिट होता है। इसी से शरीर को एनर्जी मिलती है और व्यक्ति काम करता है। व्यक्ति को अपनी उम्र तथा परिश्रम के अनुसार ही डाइट लेना चाहिए। ताकि उसको हमारा शरीर ठीक तरह से कंज्यूम कर सके। अधिक कैलोरी, प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट वाली एक्स्ट्रा डाइट ही शरीर में तोंद का रूप लेती है। जिसकी वजह से हार्ट अटैक, हायपरटेंशन, शुगर, उच्च रक्तचाप, फेफड़ों की समस्या हो जाती है।
उम्र के हिसाब से कैलोरी की आवश्यकता
5 से 10 वर्ष : 1800 से 1900
11 से 15 वर्ष : 2000 से 2500
16 से 25 वर्ष : 2640 से 3000
26 से 35 वर्ष : 3000 से 3300
36 से 40 वर्ष : 2300 से 2600
41 से 50 वर्ष : 2200 से 2400
*सभी आंकड़े कैलोरी में।
किसमें कितनी कैलोरी, प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा?
एक रोटी : 80 से 85 कैलोरी, 2 ग्राम प्रोटीन व 17 से 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
एक कटोरी दाल : 80 कैलोरी, 5 ग्राम प्रोटीन व 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
एक कटोरी सब्जी : 32 से 40 कैलोरी, 2 ग्राम प्रोटीन व 6 से 10 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
एक कटोरी चावल : 80 से 85 कैलोरी, 2 ग्राम प्रोटीन व 17 से 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
पाव भर दही : 140 से 150 कैलोरी, 8 ग्राम प्रोटीन व 8 से 10 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
पाव भर दूध : 140 से 150 कैलोरी, 8 ग्राम प्रोटीन व 10 से 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
एक कटोरी दलिया : 80 से 85 कैलोरी, 2 ग्राम प्रोटीन व 17 से 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट।
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