Good News: सरकारी स्कूलों में वालंटियरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू, 20 दिसंबर तक करें आवेदन
इस भर्ती प्रक्रिया से करीब दस से 12 सालों से संघर्ष कर रहे वालंटियर्स को सुनहरी मौका मिला है क्योंकि विभाग ने उनके लिए भर्ती प्रक्रिया में उम्र की समय सीमा नहीं लगाई है। शिक्षा विभाग की तरफ से 8393 अध्यापकों की भर्ती की जानी है।
जालंधर, अंकित शर्मा। शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में वालंटियरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस भर्ती प्रक्रिया से करीब दस से 12 सालों से संघर्ष कर रहे वालंटियर्स को भी सुनहरी मौका मिल सकता है, क्योंकि विभाग की तरफ से उनके लिए भर्ती प्रक्रिया में उम्र की समय सीमा नहीं लगाई है। इसके अलावा बाकी उम्मीदवार अगर भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उनके लिए उम्र की सीमा 18 से 37 साल रखी गई है।
शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में वालंटियरों की भर्ती रेगुलर तौर पर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए 18 से 37 साल की उम्र सीमा रखी गई है, मगर शिक्षा विभाग के स्कूलों में सेवाएं देने वाले शिक्षा प्रोवाइडर, एजुकेशन वालंटियर, एजुकेशन ग्रंटी स्कीम (ईजीएस) वालंटियर्स, एल्टर्नेटिव इन्क्लूसिव एजुकेशन (एआईई) और स्पेशल ट्रेनर (एसटीआर) आदि को उम्र की सेवा में छूट दी गई है। शिक्षा विभाग की तरफ से 8393 अध्यापकों की भर्ती की जानी है।
एक से 20 दिसंबर तक कराएं एंट्री
इसके तहत ही शिक्षा विभाग के डायरेक्टोरेट पंजाब की तरफ से अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए एक से 20 दिसंबर तक उम्मीदवारों का आवेदन मांगा है।
यह है पदों के लिए योग्यता
इन पदों में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता 12वीं या इसके बराबर की परीक्षा में कम से कम 45 फीसद और डिप्लोमा सर्टीफिकेट इन नर्सरी टीचर एजुकेशन प्रोग्राम या फिर इसके बराबर का कोई और कोर्स किया होना चाहिए। दसवीं में पंजाबी लाजमी या फिर सिलेक्टिव विषय के तौर पर परीक्षा पास की।
पहले हुआ था विवाद
प्रदेश में 7813 एआइई, ईजीएस, एसटीआर वालंटियर्स को महज पांच हजार रुपये वेतन के तहत रखा गया था, जिन्हें विद्यार्थियों को उनकी उम्र के हिसाब से शिक्षा देनी थी। इसके बाद उनकी उम्र व ज्ञान को देखते हुए सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को दाखिल करवाने का जिम्मा दिया गया था। शुरुआती वर्षों में तो स्कीम खूब चली, मगर बाद में स्कीम के तहत अलग-अलग कामों में वालंटियर्स को बांट दिया गया था, जिससे सभी में नामात्र वेतन पर अतिरिक्त काम के बोझ होने का विरोध शुरू हो गया था। सभी की मांग थी कि उनकी सेवाओं को रेगुलर किया जाए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।