शादियों के सीजन में बिगड़ा रसोई का बजट, गोभी और गाजर की कीमत आसमान पर; देखें सभी सब्जियों की रेट लिस्ट
सब्जियों के दामों ने जालंधर के लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। गोभी के दाम 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं जबकि गाजर और शलजम 50 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। बारिश न होने के कारण लोकल सब्जियों की आमद नहीं हो पा रही है जिससे मंडी में दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
शाम सहगल, जालंधर। कुछ दिनों की राहत देने के बाद सब्जियों के दामों में फिर से ही इजाफा हो गया है। जिसके कारण शहर की सब्जी मंडियों में इन दिनों सीजनल सब्जियां भी आमजन की पहुंच से दूर होती जा रही है।
अहम बात यह है कि नवंबर माह की शुरुआत से लेकर मध्यांतर तक 30 से 40 रुपए प्रति किलो बिक रही गोभी के दाम इन दोनों 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके है।
इसी तरह सीजनल सब्जियों में गाजर तथा शलजम भी रिटेल में 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे है। मंडी के व्यापारियों की माने तो वर्षा होने तक लोगों को सब्जियों के दामों पर महंगाई की मार झेलनी होगी। लिहाजा इसके बाद लोकल सब्जियों की आमद शुरू हो जाएगी। इसके बाद ही दामों में गिरावट की कयास लगाई जा सकती है।
नवंबर माह के अंतिम पड़ाव तक वर्षा न होने के चलते लोकल सब्जियां पक कर तैयार नहीं हुई है। जिसके चलते मंडी में सब्जियों की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
खासकर हिमाचल तथा राजस्थान से फिलास्फीन फलियां, गोभी, गाजर तथा शलजम मंगवाने पड़ रहे हैं। जिसके कारण दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों का परिवहन खर्च तथा वेस्टेज को मिलाकर सब्जियों के दाम आम वर्ग की पहुंच से दूर होती जा रही है।
शादी सीजन में बड़ी मांग
इन दिनों वेडिंग सीजन पूरे यौवन पर है। जिसके चलते सब्जी मंडी में सब्जियों की एडवांस बुकिंग की जा रही है। शादी विवाह के लिए लोग मंडी में पहले से ही सामान की बुकिंग करवा देते हैं। जिसके कारण दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियां सबसे पहले बुकिंग के लिए सप्लाई की जाती है।
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इसके बाद उनकी लोकल बिक्री हो रही है। इस बारे में सब्जी के थोक तथा रिटेल विक्रेता विशाल गुलाटी बताते हैं कि इन दोनों वेडिंग सीजन के चलते केवल शहर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी सब्जियों की बुकिंग हो रही है। ऐसे में बाहर से आने वाली सब्जियों का भुगतान भी पहले बुकिंग वालों को किया जाता है।
वर्षा होने के बाद ही शुरू होगी लोकल सब्जियों की आमद
इस बारे में सब्जियों के थोक कारोबारी भारत भूषण बताते हैं कि वर्षा न होने के चलते सब्जियां भी पूरी तरह से पक कर तैयार नहीं हो रही है। दिसंबर माह के मध्यांतर तक वर्षा की संभावना है। इसके बाद ही लोकल सब्जियों की आमद शुरू होगी। जिससे निश्चित रूप से दामों में भी गिरावट हो जाएगी।
माह भर के बीच सब्जियों के दामों का आंकड़ा (प्रति किलो में)
सब्जी नवंबर के शुरुआती दिनों में अब
- गोबी 30 से 40 रु 60 रु
- गाजर 30 रु 50 रु
- शलजम 40 रु 50 रु
- खीरा (रिलायंस) 40 रु 60 रु
- फलासफिन फलियां 80 रु 100 रु
- करेला 40 रु 60 रु
- घीया 40 रु 60 रु
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