जालंधर में दो किलोवाट वाले बिजली चोरी उपभोक्ताओं का जुर्माना नहीं होगा माफ, यहां लें पूरी जानकारी
जालंधर में दो किलोवाट वाले उपभोक्ता पर बिजली चोरी या अनआथराइज बिजली का प्रयोग करने पर लगा जुर्माना माफ नहीं होगा। सरकार ने बकाया बिल माफ करने की बात कही है। बिजली चोरी पर लगे जुर्माने को माफ करने संबंधी कोई बात नहीं की है।
जालंधर [कमल किशोर]। सरकार ने दो किलोवाट वाले उपभोक्ता के बकाया बिल माफ कर रही है। दो किलोवाट वाले उपभोक्ता पर बिजली चोरी या अनआथराइज बिजली का प्रयोग करने पर लगा जुर्माना माफ नहीं होगा। कई उपभोक्ता ऐसे है बिजली चोरी करने पर जुर्माना लगा हुआ है। सरकार ने बकाया बिल माफ करने की बात कही है। बिजली चोरी पर लगे जुर्माने को माफ करने संबंधी कोई बात नहीं की है। दो किलोवाट वाले उपभोक्ता फार्म भरे है उन्हें वेरिफाई किया जाएगा। वेरिफाई करने के बाद ही बकाया बिल राशि माफ होगी। दो किलोवाट वाले उपभोक्ता पर बिजली चोरी का जुर्माना लगा हुआ है, उसका भुगतान करना होगा। पावरकाम का कहना है कि बिजली चोरी पर लगे जुर्माने को वसूला जाएगा।
कई उपभोक्ता ऐसे है जिन पर जुर्माना लगा हुआ। फार्म भर रहे है। फार्म जमा होने के बाद पावरकाम जांच करेगा, इस पर बिजली चोरी को लेकर कोई जुर्माना तो नहीं लगा है। अधिक लोड बढ़ाकर बिजली की खपत को नहीं की है। पावरकाम के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह बांसल ने कहा कि बिजली चोरी वाले उपभोक्ता का जुर्माना माफ नहीं किया जाएगा। सरकार ने बिजली की बकाया बिल माफ करने के लिए कहा है। उपभोक्ता को जुर्माना का भुगतान करना होगा।
बिल को देखकर की पहचान कर रहा है पावरकाम
उपभोक्ता फार्म में दो किलोवाट लोड होने की बात कहते है। उसे चेक करने के लिए पावरकर्मी किसी के घर नहीं जा रहे। पावरकर्मी पिछले वर्षो के बिल को देखकर ही उपभोक्ता की पहचान की जा रही है। पावरकाम उपभोक्ता को आनलाइन सुविधा देने के बावजूद मैन्यूअल फार्म पर निर्भर है। पावरकाम के पास डाटा होने के बावजूद उपभोक्ता लाइन में लगकर फार्म भर रहे है। कई को फार्म नहीं मिल रहे है। उन्हें ब्लैक में फार्म खरीदने पड़ रहा है। तीस सितंबर तक बिल की बकाया राशि को माफ किया जा रहा है। दो किलोेवाट उपभोक्ता की पहचान करने के लिए सरकार ने जिला प्रशासन, पावरकाम के वरिष्ठ अधिकारी काम पर लगा रथे है। विधायक व पार्षद भी लोगों के फार्म भर रहे है। फिलहाल पावरकाम की सौ करोड़ की डिफाल्टिंग राशि रुकी पड़ी है।