अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के पास खोदाई के दौरान मिली सुरंग, नानकशाही ईंटों से किया गया है निर्माण
अमृतसर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब में जोड़ाघर के पास खोदाई में सुरंग मिली है। नानकशाही ईंटों से बनी इस सुरंग में कमरे बने हुए प्रतीत हो रहे हैं। वहीं एक पक्ष सुरंग बंद करने और दूसरा इसके इतिहास का पता लगाने पर अड़ा है।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के बाहर गलियारा की भूमि पर बनाए जा रहे जोड़ा घर व पार्किंग बेसमेंट की खोदाई के दौरान एक सुरंग मिली है। इस सुरंग को लेकर दो गुट आमने-सामने हो गए हैं। इसके बाद प्रशासन ने खोदाई का काम रुकवा दिया है।
सिख सद्भावना दल के मुखी व श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व रागी भाई बलदेव सिंह वडाला सुरंग मिलने की सूचना मिलते ही समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। भाई वडाला ने मांग की कि यह सुरंग एक ऐतिहासिक व गुरु साहिब से संबंधित होती प्रतीत हो रही है, इसलिए इस सुरंग की आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया की टीम की सहायता से खोदाई करवाकर इसकी सच्चाई को संगत को बताया जाए।
उधर, एसजीपीसी और कार सेवा वाले बाबाओं के समर्थकों ने इस सुरंग को बंद करने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में हाथापाई भी हुई। इसके बाद एसडीएम विकास हीरा प्रशासनिक अधिकारियों समेत मौके पर पहुंचे और चल रहे काम को अगले आदेश तक रुकवा दिया।
नानकशाही ईंटों से बनी हुई है सुरंग
भाई वडाला ने कहा कि नानकशाही ईंटों से बनी इस सुरंग में कमरे बने हुए प्रतीत हो रहे हैं। इस कारण इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एसजीपीसी गुरु साहिब के साथ संबंधित यादगारों को नष्ट करना चाहती है। इसको सिख कौम और पंथ सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जब तक इस सुरंग की सचाई का पता नहीं चल जाता तब तक वह आगे के निर्माण कार्यों को चलने नहीं देंगे। उधर, इस संबंध में एजीपीसी का अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं है।
सुरंग की सच्चाई का पता लगाया जाएगा : एसडीएम विकास हीरा
मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे एसडीएम विकास हीरा ने कहा कि प्रशासन के अगले आदेशों तक यहां पर हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। सुरक्षा कर्मी भी तैनात कर दिए गए हैं। संगत की मांग को मुख्य रख जमीन के नीचे से मिली सुरंग की सच्चाई का प्रशासन पता लगाएगा।
पहले भी मिली हैं गुरुनगरी में सुरंगें
यह पहली बार नहीं है कि गरुनगरी में खुदाई के दौरान सुरंग मिली है। इससे पहले भी कई ऐतिहासिक महत्व की कई सुरंगें शहर में मिली हैं। वर्ष 2013 में गोल्डन टेंपल के लंगर हाल के पास भी एक सुरंग मिली थी। उसे भी ड्रेनेज का हिस्सा बताकर बंद करवा दिया गया था। वर्ष 2010 में पुराने शहर में और उससे पहले कई पुरानी कोठियों के आसपास निर्माण के दौरान सुरंगें मिल चुकी हैं। गुरुनगरी होने के कारण इन सभी का ऐतिहासिक महत्व है लेकिन दुर्भाग्यवश इन्हें संरक्षित नहीं किया जा रहा है। बेहतर यही होगा कि इनका अध्ययन किया जाए।
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