Punjab News: खेल व्यापारी से रंगदारी मांगने वाले आतंकी लखबीर सिंह लंडा के तीन साथी गिरफ्तार, UAPA के तहत हुई कार्रवाई
जालंधर पुलिस ने कनाडा में बैठे आतंकी लखबीर सिंह लंडा के गैंग से जुड़े तीन कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपित 35 आपराधिक मामलों में शामिल थे। सभी के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है। ये अपराधी सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स तस्करी को अंजाम दिया करते थे। पुलिस ने बताया कि तीनों को विरोधी गिरोह को खत्म करने के लिए भेजा गया था।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा के नेतृत्व में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने कनाडा स्थित आतंकवादी लखबीर सिंह लंडा (Lakhbir Singh Landa) के गैंग से जुड़े तीन कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। सभी पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कोहली स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, लेदर कॉम्प्लेक्स में सुरक्षा अधिकारी जतिंदर सिंह ने शिकायत की थी कि तीन जून को सुबह करीब 5:15 बजे दो व्यक्ति मुख्य द्वार से मोटरसाइकिल पर आए और पीछे बैठे व्यक्ति ने उन पर गोली चला दी और उनकी हत्या करने का प्रयास किया।
उन्होंने शिकायत में बताया कि एफआईआर पीएस बस्ती बावा खेल जालंधर में दर्ज की गई है। आईपीएस स्वप्न शर्मा ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद विशेष टीमें गठित की गई, जिन्होंने आरोपितों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, भूपिंदर सिंह उर्फ बंटी और जगरूप सिंह उर्फ जूपा के रूप में की।
पढ़ाई छोड़ने के बाद लंडा गिरोह में शामिल हो गया था गुरप्रीत सिंह
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस ने गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है, जिसने कबूल किया है कि पढ़ाई छोड़ने के बाद वह यादविंदर सिंह उर्फ यादा और लखबीर लंडा के साथ जुड़ गया था। उसने बताया कि उसने तरनतारन में अपने साथियों के साथ मिलकर लूट, जबरन वसूली, अवैध हथियार जैसे गंभीर अपराध किए हैं और शहर में प्रमुख हस्तियों को निशाना बनाकर कई गोलीबारी की घटनाओं में शामिल रहा है।
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भूपिंदर के खिलाफ 23 मामले लंबित
उन्होंने बताया कि गुरप्रीत के खिलाफ पहले से ही चार मामले में पुलिस कमिश्नर ने कहा कि गुरप्रीत को भूपिंदर ने मदद की थी जिसने स्वीकार किया था कि उसने डकैती और जबरन वसूली सहित कई अपराध किए हैं। उन्होंने कहा कि भूपिंदर के खिलाफ 23 मामले लंबित थे और सात साल जेल में रहने के बाद उन्हें 2024 में जेल से रिहा कर दिया गया।
प्रतिद्वंद्वी गिरोह को खत्म करने का मिला था काम
आईपीएस स्वप्न शर्मा ने कहा कि तीसरे आरोपित जगरूप सिंह का अपने चाचा के साथ संपत्ति विवाद चल रहा था, जिसके कारण प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वह यादविंदर सिंह और लखबीर सिंह के साथ शामिल हो गया और एक अलग पहचान के साथ रह रहा था क्योंकि उसके खिलाफ आठ मामले लंबित थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि उन्हें प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने के लिए विदेश में बैठे गैंगस्टरों ने यह कार्य सौंपा था।
सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स तस्करी में थे शामिल
उन्होंने आगे कहा कि वे सीमा पार से हथियारों व ड्रग्स की तस्करी में शामिल थे और 35 आपराधिक मामलों में शामिल थे। आईपीएस स्वप्न शर्मा ने कहा कि आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।
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