जालंधर में गरमाया चोरी का मामला, AAP MLA रमन पर लगे संगीन आरोप; भाई-समधी व पूर्व विजिलेंस के खिलाफ शिकायत दर्ज
जालंधर के एक निजी स्कूल में दो साल पहले हुई लाखों की चोरी का मामला फिर से सुर्खियों में है। इस मामले में आप विधायक रमन अरोड़ा और अन्य पर गंभीर आरोप लगे हैं। ज्योतिषी वासू पाठक ने विजिलेंस को शिकायत देकर चोरी की रकम हड़पने का आरोप लगाया है। शिकायत में पुलिस जांच और नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। दकोहा के एक निजी स्कूल में करीब दो साल पहले हुई लाखों रुपये की चोरी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में न केवल पुलिस जांच पर सवाल उठे हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा, उनके भाई राजकुमार अरोड़ा, समधी राजकुमार मदान और विजिलेंस के पूर्व एसएसपी राजेश्वर सिद्धू के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कपूरथला के ज्योतिषी वासू पाठक ने विजिलेंस के एसएसपी हरप्रीत सिंह मंडेर को शिकायत देकर स्कूल से चोरी हुई लाखों की रकम हड़पने के आरोप लगाए। उन्होंने इस मामले में विधायक, उनके भाई, समधी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
शिकायत में बताया कि चोरी ब्रिटिश ओलिविया स्कूल, रामामंडी, जालंधर कैंट में हुई थी। स्कूल के मालिक विजय मैनी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 9 लाख 30 हजार की चोरी हुई है, जबकि असल में चोरी की रकम 30 लाख रुपये से ज्यादा थी।
वासू पाठक का आरोप था कि दकोहा चौकी के तत्कालीन प्रभारी मनीष कुमार ने यह जानकारी अपने आका विधायक रमन अरोड़ा को दी। इसके बाद रमन के भाई राजकुमार अरोड़ा और समधी राजकुमार मदान ने एएसआई मनीष और एएसआइ सुखराज सिंह को निर्देश दिया कि आरोपित से पूरी रकम की बरामदगी करवाई जाए।
पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गांव रामनगरिया निवासी आरोपित शामू को गिरफ्तार किया और उसके पास से 30 लाख रुपये की नकदी, स्कूटी, इन्वर्टर बैटरी, मोबाइल, डिश एंटीना व सोने-चांदी के गहने बरामद किए।
हालांकि, एफआइआर में केवल नौ लाख रुपये की चोरी दिखाई गई। आरोप है कि बाकी रकम व सामान पुलिस और नेताओं के बीच बांट लिया गया।
राजेश्वर सिद्धू पर भी रिश्वतखोरी का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि इस पूरे मामले में तत्कालीन एसएसपी विजिलेंस राजेश्वर सिद्धू ने रिश्वत लेकर आरोपितों को बचाया। पुलिस ने साल 2022 में इस मामले में सुखराज और मनीष कुमार को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन बाद में मामला शांत हो गया।
मदान के कहने पर रातों-रात जेल भेजे गए आरोपित
इस मामले में पुलिस ने लगभग 30 लाख की नकदी, सोने के गहने और स्कूटी बरामद की थी थी। जांच में सामने आया था कि इस मामले में भी रिकवरी में भारी गड़बड़ी हुई थी।
बताया जाता है कि विधायक रमन अरोड़ा के समधी राजू मदान उर्फ राजकुमार मदान ने आरोपित को रातों-रात जेल भिजवा दिया, वह भी थाना प्रभारी को सूचित किए बिना कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई एएसआइ मनीष ने की, जिसे राजू मदान की सिफारिश पर नियुक्त किया गया था।
धमकी देकर बचा था चौकी इंचार्ज
आरोप है कि रिकवरी के समय सिर्फ 8 लाख रुपये की नकदी दिखाई गई, जबकि बाकी रकम राजू मदान को दे दी गई। आरोप है कि चौकी इंचार्ज को इस मामले में बाद में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसने धमकी दी थी कि यदि उसे फंसाया गया तो वह कई बड़े नेताओं के नाम उजागर कर देगा। इसके बाद राजू मदान ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर उसे बचा लिया।
इस बारे में कुछ नहीं जानता: सिद्धू
पीपीएस राजेश्वर सिद्धू का कहना है कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानते। इस मामले की जांच किसी डीएसपी ने की थी। उनका केस से कोई लेना देना नहीं है।

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