Move to Jagran APP

तेजिंदर ने 2014 में ब्लाइंड क्रिकेट मैच में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, अब मिला नकद ईनाम, कोटे से चाहता है नौकरी

तेजिंदर सिंह वर्ष 2014 में साउथ अफ्रीका में हुए विश्व कप में फाइनल मैच पाकिस्तान को हरा चुके हैं। मैच में तेजिंदर ने 45 गेंदों में 90 रनों की पारी खेली थी। तेजिंदर को अब नकद ईनाम तो मिल गया है लेकिन वह स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी चाहते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 04:07 PM (IST)
तेजिंदर ने 2014 में ब्लाइंड क्रिकेट मैच में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, अब मिला नकद ईनाम, कोटे से चाहता है नौकरी
ब्लाइंड क्रिकेट टीम खिलाड़ी तेजिंदर सिंह की फाइल फोटो।

जालंधर [कमल किशोर]। जीवन में कुछ कर दिखाने के लिए जुनून का होना जरूरी होता है। इसी जुनून से जीवन में निर्धारित किए लक्ष्य तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। हम बात कर रहे पंजाब क्रिकेट ब्लाइंड टीम के खिलाड़ी तेजिंदर की। तेजिंदर सिंह की बल्लेबाजी व गेंदबाजी की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैंं।

loksabha election banner

वर्ष 2014 में साउथ अफ्रीका में हुए विश्व कप में भारतीय टीम का फाइनल मैच पाकिस्तान के साथ था। इस मैच में तेजिंदर ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए 45 गेंदों में 90 रनों की पारी खेली थी और फाइनल मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया था। कई वर्षो से तेजिंदर सिंह राज्य सरकार से नाराज चल रहे थे। उन्हें स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी नहीं मिली। उन्हें दिव्यांग होने के कारण नौकरी दी गई है।

तेजिंदर की नाराजगी को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर राज्य सरकार का खेल विभाग जागा। तेजिंदर सिंह को स्पोर्ट्स काउंसिल ने अपने फंड से दो लाख रुपये का कैश प्राइज रिलीज किया है। राज्य सरकार ने तेजिंदर सिंह के खाते में दो लाख रुपये का कैश प्राइज दिया है, ताकि वह क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करता रहे। फिलहाल तेजिंदर के मन में एक टीस है कि स्पोर्ट्स कोटे के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए थी।

वर्ष 2015 में तीन दिवसीय सीरीज में हासिल किए चार विकेट

तेजिंदर सिंह ने वर्ष 2015 में भारत व इंग्लैंड की तीन दिवसीय सीरीज में चार विकेट हासिल किए थे। वह राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैंं।

दवा रिएक्शन होने से आंखों की रोशनी चली गई थी

तेजिंदर ने बताया कि जब वह छठवी क्लास में थे थे तो उस समय शहीद भगत सिंह नगर में घूमने के लिए गए थे। इस दौरान वह पानी में गिर गए थे। डाक्टर ने आंखों में दवा डालने के लिए दी थी। दवा रिएक्शन कर गई थी। जिसकी वजह से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाती गई। पारिवारिक सदस्य इलाज करवाने के साथ-साथ आपरेशन भी करवा चुके हैंं लेकिन आंखों की रोशनी नहीं आई है।

स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी मिलनी चाहिए थी : तेजिंदर

क्रिकेटर तेजिंदर सिंह ने कहा कि बचपन से क्रिकेट खेलने में रुचि थी। प्लास्टिक बाल या फिर रबड़ बाल के साथ गलियों में खेलता था। जिले, राज्य व राष्ट्रीय टीम में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम में चयन हुआ। फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार पारी खेलते हुए फाइनल में जीत दर्ज की। तेजिंदर ने कहा कि सरकार ने स्पोर्ट्स कोटे में नौकरी नहीं दी है। दिव्यांग के तौर पर नौकरी दी है। सरकारी स्कूल में चपरासी की नौकरी कर रहा हूं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.