बच्चों को यूट्यूब, रेडियो और एप के जरिए पढ़ा रहे शिक्षक, परेशानियों का खुद करवा रहे हल
कोविड-19 के चलते बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासें शुरू की गई हैं मगर जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं उनके लिए पंजाब बोर्ड की तरफ से टीवी और रेडियो पर पढ़ाया ...और पढ़ें

जालंधर [अंकित शर्मा]। कोरोना वायरस के कारण बच्चों की पढ़ाई के मद्देनजर ऑनलाइन क्लासें शुरू की गई हैं, मगर जिन बच्चों के पास मोबाइल की सुविधा संभव नहीं है, उनके लिए पंजाब बोर्ड की ओर से टीवी और रेडियो चैनलों के जरिए पढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में मानव संसाधन मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकार और शिक्षा विभागों की तरफ से भी प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। शिक्षकों की तरफ से निरंतर बच्चों की पढ़ाई से जुड़े प्रोग्रामों की जानकारी साझा की जा रही है ताकि घरों में बैठे बच्चे अपनी पढ़ाई से जुड़े रहें। फिर चाहे केंद्रीय विद्यालय स्कूल हो या फिर नवोदय स्कूल। हर शिक्षक विभिन्न माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है।
केंद्रीय विद्यालयों में यू-ट्यूब चैनल, स्वयं प्रभा चैनल, एनसीईआरटी के शिक्षा पोर्टल जैसे दीक्षा, नेशनल रिपाजिटरी ऑफ ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज एप आदि के जरिए पढ़ाया जा रहा है। बच्चों के पास किताबें नहीं हैं इसलिए ई-पाठशाला के जरिए बच्चों को निरंतर किताबें डाउनलोड करवाने के प्रबंध भी किए जा रहे हैं।
क्वेरीज को कर रहे दूर
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हजारा की प्रिंसिपल कुलदीप कौर ने कहा कि बच्चों को वाट्सअप, यूट्यूब के जरिए पढ़ाया जा रहा है। उनकी क्वेरीज दूर करने के लिए लेक्चरर की तरफ से निरंतर वाट्सअप ग्रुप के जरिए भी पाठ्यक्रम सामग्री भेजी जा रही है। बच्चों की प्रोग्रेस ग्रुप वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए क्रॉस चेक की जा रही है।
गाइडलाइंस के तहत पढ़ाया जा रहा
केवी के शिक्षक अमरजीत ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए यूट्यूब, सीबीएसई और एनसीईआरटी के पोर्टल, स्वयं टीवी, दीक्षा एप आदि के जरिए पढ़ाया जा रहा है। गाइडलाइंस के अनुसार की काम दिया जा रहा है। जालंधर में 8 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें जालंधर कैंट में केवी-एक, केवी-दो, केवी-तीन, केवी-चार, केवी सुरानूस्सी, केवी सीआरपीएफ कैंपस, केवी सरायखास और दो केवी आदमपुर में हैं। जबकि जालंधर में एक ही जवाहर नवोदय स्कूल तलवंडी माधो में है।
रेडियो के जरिये पढ़ा रहा पंजाब बोर्ड
पंजाब बोर्ड की तरफ से दोआबा रेडियो की मदद से पढ़ाया जा रहा है। पंजाबी की लेक्चरर रजिंदर कौर, साइंस विषय की प्रदीप कुमार, एसएस के गुरप्रीत सिंह शाम तीन से चार बजे तक पढ़ा रहे हैं। बच्चों को रेडियो का भी लिंक भेजा जा रहा है। सीबीएसई और आईसीएसई की तरफ से न्यूज-18 (बंगला टीवी चैनल) पर अंग्रेजी और गणित विषय, जो 19 अप्रैल सुबह दस से 11 बजे तक, 25 अप्रैल को 11 से 12 बजे तक, 26 अप्रैल को 11 से 12 बजे तक चलेंगे। इसके अलावा शिक्षकों की तरफ से फेसबुक बेड, ट्विटर, वेबसाइट आदि के लिंक भी भेजे जा रहे हैं।
पाठकों की ऑनलाइन से जुड़ी शिकायतें
-बच्चों की जूम एप के जरिए आक्वनलाइन क्लासें चल रही हैं। बच्चे अधिक होने के कारण कभी-कभार लेक्चरर की बच्चों की आवाज सुन नहीं पा रही। -सरोजनी, राजा गार्डन।
-बच्चे घंटो मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप पर आंख गढ़ाए रख रहे हैं, जिससे उनकी दिमाग और आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। -राजेश कुमार चौहान
-ऑनलाइन क्लासों में टेक्नोलॉजी के साथ न तो हम खुद अपग्रेड हैं न बच्चे और न ही शिक्षक। ऐसे में टाइम को बचाना ही सबसे फायदेमंद रास्ता है। -विकास जेतली, रेल कर्मचारी, गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू
-इंटरनेट की स्पीड बेहद कम हो रही है। क्योंकि दिनभर बच्चों ने भी पढ़ना है और उन्होंने भी फोन के जरिए ही कुछ जरूरी काम करना होता है। -राजन, जीटीबी नगर।
एक्सपर्ट व्यू - डॉ. निश्चय बहल, एचओडी, कंप्यूटर साइंस, डीएवी।
-इंटरनेट की स्पीड कम होना बेहद परेशानी है। इसलिए सभी प्रकार की नोटिफिकेशन को बंद कर दें। -कंपनियों की तरफ से एक जीबी प्रत्येक दिन के हिसाब से डाटा दिया जाता है।
-समय निर्धारित करते हुए इंटरनेट का डाटा चलाएं और बंद करें। ताकि जिस समय इस्तेमाल करना हो तभी वो चले।
-शिक्षक ने लेक्चर देना है तो वे शांत जगह का चयन करें। ताकि पीछे कोई शोर न हो।
-जब भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पढ़ाई हो या मीटिंग तो पहले ही म्यूट बटन दबा दें।

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