Dangerous Tattoo: टैटू बनवाने वालों को काला पीलिया का खतरा, 10 प्रतिशत लोग संक्रमित, इन बातों का रखें ध्यान
25 साल के बलकार सिंह ने अपने मित्रों के साथ टैटू बनवाया था। कुछ दिन पहले विदेश जाने के लिए उसने मेडिकल करवाया। मेडिकल रिपोर्ट में उसे काला पीलिया होने की बात सामने आई। इसे लेकर उसके घरवाले भी चिंतित हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पश्चिमी देशों की तर्ज पर पंजाब में भी टैटू बनवाने का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। युवा और युवतियां बाजू व गर्दन के अलावा विभिन्न अंगों पर भी टैटू बनवा रहे हैं। लेकिन इस फैशन का हिस्सा बनने वालों पर काला पीलिया का खतरा मंडरा रहा है। युवाओं को जब इस सच्चाई का पता चलता है तो पैरों तले से जमीन निकल जाती है। जिले में 10 प्रतिशत के करीब लोग संक्रमित सूई से टैटू बनवाने के बाद काला पीलिया का शिकार हो चुके हैं, जबकि निजी व सरकारी स्वास्थ्य सेंटरों में 5 से 7 प्रतिशत सामने आ रहे हैं।
सेहत विभाग की ओर से इस बीमारी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। जालंधर के एक गांव में रहने वाले 25 साल के युवक बलकार सिंह (बदला हुआ नाम) ने अपने मित्रों के साथ मिलकर टैटू बनवाया था। कुछ दिन पहले विदेश जाने के लिए उसने मेडिकल करवाया। मेडिकल रिपोर्ट में उसे काला पीलिया होने की बात सामने आई। इसे लेकर उसके घरवाले भी चिंतित हुए। युवक का विदेश जाने का प्रोग्राम फिलहाल टल गया है।
इलाज न करवाने पर खराब हो सकता है लीवर
उसका कहना है कि उसने कभी खून भी नहीं चढ़वाया। जिंदगी में सिर्फ एक बार टैटू बनवाया था उसी वजह से हो सकता है। इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जांच करवाई। इसके बाद सरकारी अस्पताल से मुफ्त इलाज करवाया। डाक्टरों ने जल्द ही ठीक होने की बात कही है। पीजीआई अस्पताल के डा. अमित सिंघल का कहना है कि समय पर इलाज न करने की वजह से लीवर खराब हो जाता है। दवाइयों से इसका इलाज संभव है।
सिविल सर्जन ने लोगों को दी सलाह
सिविल सर्जन डा. रमन शर्मा का कहना है कि जिले में पिछले साल अक्टूबर 2021 से हैपेटाइटिस बी के 88 मामले सामने आए। विभाग के माहिर डाक्टरों की सलाह के बाद आठ का इलाज शुरू किया गया है। वहीं 2016 से अब तक हैपेटाइटिस सी के तीन हजार के करीब मरीजों का इलाज किया जा चुका है। उन्होंने लोगों को अच्छी जगह से और अपनी आंखों के सामने ही नई सूई लगवाकर टैटू बनवाने की सलाह दी है।
काला पीलिया के कारण
- एक ही इंजेक्शन या सुइयों का इस्तेमाल कई लोगों में करना।
- एचआईवी, काला पीलिया संक्रमित साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना।
- एक से अधिक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना।
- काला पीलिया से संक्रमित मां के द्वारा जन्मे बच्चे में भी इसका संक्रमण फैल सकता है।
- एक ही टूथब्रश, रेजर ब्लेड और नाखून काटने वाले नेल कटर को साझा करना।
- असुरक्षित तरीके से शरीर पर टैटू बनवाना।
ऐसे नहीं फैलता काला पीलिया
- संक्रमित मां का शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराना।
- संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहना, खांसना, गले मिलना, हाथ पकड़ना।
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