Stubble Burning: पंजाब में 6318 जगह जली पराली, संगरूर में सबसे ज्यादा
Stubble Burning पंजाब में तमाम प्रयासों के बावजूद किसान पराली जला ही रहे हैं। राज्य में 6318 स्थानों पर पराली जलाई गई है। पराली जलाने के मामले में कृषि कानूनों के विरोध का केंद्र जिला संगरूर पहले स्थान पर है।
जेएनएन, जालंधर। पंजाब में शनिवार को 6,318 जगह पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सबसे ज्यादा 952 घटनाएं संगरूर जिले में हुईं। संगरूर कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का केंद्र बना हुआ है। लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (Punjab Remote Sensing Center) के आंकड़ों के अनुसार 21 सितंबर से अब तक राज्य में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 59,288 तक पहुंच गई है। इनमें से 22,000 से अधिक घटनाएं 2 नवंबर के बाद सामने आई हैं। 2017 में राज्य में 37,777 घटनाएं, 2018 में 33,687 घटनाएं और 2019 में 45,114 घटनाएं रिकार्ड की गई थीं।
बठिंडा में शनिवार को 831, मोगा में 755, मुक्तसर में 540 और बरनाला में 519 मामले सामने आए। मोहाली में सबसे कम दो जगह पराली जलाई गई। छोटे किसानों का कहना है कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कंबाइन हार्वेस्टर, सुपर सीडर्स, रोटावेटर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसी मशीनरी खरीदना उनके लिए आॢथक रूप से बहुत महंगा सौदा है। किसान धान पर प्रति क्विंटल 200 रुपये या पराली प्रबंधन के लिए 6,000 रुपये प्रति एकड़ की मांग कर रहे हैं। पंजाब सरकार केंद्र से 100 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजे के की मांग कर रही है। पंजाब में हर वर्ष करीब 2 करोड़ टन पराली निकलती है।
शहर एयर क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू
पटियाला 294
अमृतसर 254
रूपनगर 233
लुधियाना 210
जालंधर 227
खन्ना 179
बठिंडा 108
चंडीगढ़ 128
(केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार)
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