Sports School की बदलेगी नुहार, जल्द अपने अधीन लेगा खेल विभाग Jalandhar News
खेल विभाग ने शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया है कि स्कूल को विकसित करने के लिए इसे विभाग को सौंपा जाए। स्कूल को विकसित करने पर जो खर्च आएगा वह विभाग करेगा।
जालंधर, [कमल किशोर]। कपूरथला रोड स्थित स्पोर्ट्स स्कूल में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर व खेल हॉस्टल की नुहार जल्द बदलने जा रही है। खेल विभाग स्कूल को अपने अधीन लेने जा रहा है। खेल विभाग ने शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया है कि स्कूल को विकसित करने के लिए इसे विभाग को सौंपा जाए। स्कूल को विकसित करने पर जो खर्च आएगा वह विभाग करेगा।
खेल मंत्री ने बीते वीरवार को बैठक में कहा था कि स्पोर्ट्स स्कूल शिक्षा विभाग के अंडर है। इस स्कूल को विकसित करने के लिए खेल विभाग में शामिल किया जा रहा है। इस बयान पर स्पोर्ट्स कोचों में हलचल मच गई है। कोचों ने कहा कि अगर स्पोर्ट्स स्कूल शिक्षा के विभाग के अधीन है तो स्पोर्ट्स स्कूल के अधीन टूर्नामेंट करवाने के लिए शिक्षा विभाग को इजाजत क्यों लेनी पड़ती है। अगर कोई प्राइवेट संस्थान स्कूल में टूर्नामेंट करवाता है तो उसकी फीस जिला खेल विभाग लेता है।
कोचों ने कहा कि अगर स्पोर्ट्स स्कूल खेल विभाग के अधीन है तो इसका ट्रैक अब तक क्यों नहीं बदला गया। ट्रैक के भीतर जो सीढिय़ां बनाई गई हैं वह खेल विभाग की ओर से बनाई गई हैं। स्कूल के अंदर हॉस्टल, बास्केटबॉल, फुटबॉल, वॉलीबॉल के खेल मैदानों को रखरखाव रूसा ग्रांट व उच्च शिक्षा ग्रांट से की जा रही है। जिला खेल विभाग के मुताबिक ग्रांट से इन मैदानों का रखरखाव हो रहा है। जबकि इसमे एथलेटिक्स ट्रैक शामिल नहीं है।
जगह शिक्षा विभाग और फीस लेता है खेल विभाग
स्पोर्ट्स स्कूल की जमीन शिक्षा विभाग की है। इनमें खेलों से होने वाली आमदनी खेल विभाग ले रहा है। स्कूल के भीतर स्विमिंग पूल है। इसमें बाहर से आने वाले या सीखने वाले खिलाड़ी से फीस ली जाती है। यह फीस खेल विभाग के खाते में जाती है। कोई प्राइवेट संस्था खेलें करवाने के लिए मैदान लेता है तो उसकी फीस खेल विभाग ले रहा है।
स्पोर्ट्स स्कूल को जल्द खेल विभाग में लिया जा रहा है। स्कूल को डवलप किया जाएगा। खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। स्कूल को खेल विभाग में लेने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया गया है। विभाग के अधीन आते ही स्कूल में काम शुरू करवा दिया जाएगा।
-राणा गुरमीत सिंह सोढी, खेल मंत्री।
स्कूल में खेल मैदान की देखरेख विभाग कर रहा है। अगर कोई स्पोट्र्स स्कूल में प्राइवेट संस्थान खेलें करवाता है तो उन्हें फीस का भुगतान करना पड़ता है। वह फीस खेल विभाग के पास जमा होती है।
-गुरप्रीत सिंह, खेल अधिकारी।
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