Holi Celebration 2021: इस बार शुभ होगा होली का त्योहार; 500 वर्ष बाद बन रहा है यह अद्भुत संयोग, जानिए दिलचस्प बातें
Holi Celebration 2021 रंगों का त्योहार होली नजदीक है। इसे इस बार अद्भुत संयोग में मनाया जाएगा। ऐसा संयोग 500 साल के बाद बनने जा रहा है। धार्मिक दृष्टि से इस बार त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
जालंधर, शाम सहगल। रंगों का त्योहार होली नजदीक है। इसे इस बार अद्भुत संयोग में मनाया जाएगा। ऐसा संयोग 500 साल के बाद बनने जा रहा है। धार्मिक दृष्टि से इस बार त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक होली पर गुरु अपनी राशि धनु व शनि अपनी राशि मकर में ही रहेंगे। इससे पूर्व तीन मार्च 1521 में ऐसा संयोग बना था। इसी तरह 29 मार्च को चंद्रमा, कन्या राशि में रहेंगे। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि योग होने के कारण दूसरा संयोग भी रहेगा। इससे एक दिन पूर्व 28 मार्च को होलिका दहन की जाएगी। इस बार 2.20 घंटे के दरम्यान होलिका दहन करने का शुभ मुहुर्त है।
होलाष्टक 21 से 28 मार्च होली दहन व मनाने से आठ दिन पूर्व होलाष्टक शुरू हो जाता है। सनातन धर्म के मुताबिक इस दौरान कोई भी मंगल कार्य नहीं किया जाता। इस बारे में पंडित दीन दयाल शास्त्री बताते है कि इस अवधि में शादी-विवाह, गृह प्रवेश सहित कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता। इस बार होलाष्टक 21 से 28 मार्च तक चलेगा। इसी दिन रात के समय होलिका दहन किया जाएगा।
इसलिए है शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्य रामजी बताते है कि होली पर गुरु व शनि का अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहना शुभ संयोग है। कारण, अगर यह ग्रह दूसरी राशि में जाते है तो उस राशि के जातकों को उपाय करवाना पड़ता है। लेकिन, इस बार होली पर ऐसा नहीं होगा। इस बार ध्रुव योग के निर्माण के साथ ही सर्वार्थसिद्धि व अमृतसिद्धि योग इसे महासंयोग बना रहा है। इस योग में त्योहार व पर्व मनाया जाना शुभ होता है। उन्होंने कहा कि इस योग में कोई भी त्योहार मनाने से पहले भगवान सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए। होली पर घरों में प्रतिष्ठापित किए गए ठाकुर जी को फूलों के साथ श्रृंगार करें व प्रसाद वितरित करना चाहिए।
होलिका दहन की तिथि : 28 मार्च
होलिका दहन का समय : शाम 6.36 से लेकर 8.56 बजे तक।
कुल अवधि : 2.20 घंटे
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