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    शाहकोट में SDM कार्यालय के बाहर मजदूरों ने दिया धरना, बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 10:47 PM (IST)

    शाहकोट में मजदूर संगठनों ने बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये और घर टूटने पर 15 लाख रुपये की सहायता देने की मांग की। वक्ताओं ने सरकार पर लापरवाही और भेदभाव का आरोप लगाया। मजदूरों ने चेतावनी दी कि मांगे पूरी न होने तक धरना जारी रहेगा।

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    मजदूरों ने लगाया एसडीएम कार्यालय शाहकोट में धरना (फोटो: जागरण)

    संवाद सूत्र, शाहकोट/ मलसियां। ग्रामीण और खेत मजदूर जत्थेबंधिया के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर आज सब डिवीजन शाहकोट में धरना आयोजित किया गया। मजदूरों ने मांग की कि बाढ़ में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों को कम से कम 25 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए।

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    जिन मजदूर किसानों के घर ढह गए हैं, उन्हें पुनर्निर्माण के लिए 15 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की जाए। इसके अलावा, बाले गार्ड वाले छात्रों के लिए 5 लाख रुपये की ग्रांट, मजदूरों की टूटी दिहाड़ियों की भरपाई के लिए 50 हजार रुपये और बाढ़ से हुए जानी-माली नुकसान की 100% भरपाई की जाए।

    धरने के दौरान सर्व साथी तरसेम पीटर, राज्य अध्यक्ष ग्रामीण मजदूर यूनियन पंजाब, देहाती मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष दर्शन नाहर, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के राज्य वित्त सचिव हरमेश मालडी, पंजाब खेत मजदूर सभा के राज्य आगू ज्ञान सैदपुरी और कूल हिंद खेत मजदूर यूनियन के राज्य आगू जसकरण कंग ने संबोधित किया।

    उन्होंने कहा कि बाढ़ के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि विशेषज्ञों ने पहले ही भारी बारिश और बाढ़ की संभावना जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने कोई पूर्व प्रबंध नहीं किए, जिसके कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

    उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने दलित भाईचारे के साथ वितकरा करते समय मजदूरों के लिए कोई मुआवजा घोषित नहीं किया। धरने के दौरान एसडीएम शाहकोट के रवैये की भी निंदा की गई। मजदूरों ने चेतावनी दी कि वे कल भी धरना जारी रखेंगे और अपनी मांगों के लिए संघर्ष के लिए तैयार रहेंगे।