डिपो होल्डर की कोठी में रखा 236 बोरी सरकारी गेहूं सील
नीले कार्डधारकों को बांटने के लिए लाया गया 236 बोरी गेहूं वीरवार को एसडीएम-1 संजीव शर्मा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने बीएसएफ कॉलोनी में एक डिपो होल्डर ...और पढ़ें

जागरण संवाददात, जालंधर : नीले कार्डधारकों को बांटने के लिए लाया गया 236 बोरी गेहूं वीरवार को एसडीएम-1 संजीव शर्मा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने बीएसएफ कॉलोनी में एक डिपो होल्डर की कोठी से बरामद कर सील कर दिया। हालांकि शाम को कुछ सियासी लोगों की दखल के बाद मामले को रफा-दफा करने की कोशिशें भी तेज हो गई। सूत्रों का कहना है कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। रिपोर्ट में दलील दी गई है कि गेहूं बंटने से बच गया था और उसे लिखित कार्रवाई पूरी करने के बाद स्टोर कराया गया था ताकि अगले दिन बांटा जा सके।
बीएसएफ कॉलोनी में कोठी नं.37 में नीले कार्डधारकों को बांटने के लिए आया गेहूं बड़े पैमाने पर डिपो होल्डर भगवान ¨सह की कोठी में रखे होने की सूचना पर डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा ने एसडीएम-1 संजीव वर्मा के नेतृत्व में कमेटी बनाकर जांच के लिए भेजी थी। इस कमेटी में जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। कोठी में वीरवार पूर्वाह्न लगभग सवा 11 बजे मौके पर छापा मारा तो अंदर 236 बोरियां मिलीं। भगवान ¨सह के बड़े बेटे की नई अनाज मंडी के निकट आटा चक्की भी है। मौके पर गेहूं की बोरियां सील कर दी गईं। लीपापोती के प्रयास तेज, डीसी को देर रात तक नहीं सौंपी रिपोर्ट
देर शाम तक इस मामले में एसडीएम-1 संजीव शर्मा व जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी तर¨वदर ¨सह चोपड़ा मीडिया से बात करने से बचते रहे। दोनों अधिकारियों ने न तो फोन उठाया, न ही पूर्वाह्न लगभग सवा 11 बजे हुई कार्रवाई की रिपोर्ट डीसी को रात साढ़े आठ बजे तक सौंपी थी। सूत्रों का कहना है कि डिपो होल्डर को बचाने के लिए कुछ राजनीतिक लोगों की मध्यस्थता से मामले को रफा-दफा करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। यह है वितरण की प्रक्रिया
खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर की मौजूदगी में पहले से लोगों की पर्चियां काटकर उनसे पैसे ले लिए जाते हैं, जिन लोगों की पर्चियां कट जाती हैं उतना ही माल संबंधित क्षेत्र में भेजा जाता है। इसकी पूर्व सूचना नीले कार्ड धारकों को दे दी जाती है। गेहूं पहुंचने से पहले लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग जाती हैं, हाथों-हाथ गेंहू बंट जाता है। पार्षद अंजलि बोली, माल कब और कहां रखवाया, उन्हें नहीं पता
क्षेत्रीय पार्षद अंजलि भगत ने बताया कि गेहूं वितरण के समय वे मौके पर मौजूद थीं। उनके वार्ड में डीसि¨ल्टग के लिए उन्हें एक अन्य स्थान पर जाना पड़ा। उस समय तक लोग गेहूं लेने आ रहे थे, बाद में हो सकता है लोग लेने नहीं आए हों और बचा हुआ माल अगले दिन बांटने के लिए कोठी में स्टोर कर लिया गया हो। माल कब और कहां रखवाया, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है, न ही उन्हें इस संबंध में बताया गया। पार्षद बोले-पहले कभी नहीं बचा गेहूं
कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद पवन कुमार का कहना है कि उनके वार्ड में अभी तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि गेहूं वितरण से बचा हो, कई बार ऐसा तो हुआ है कि गेहूं कम पड़ जाने के कारण पर्ची कटाने वाले भी गेहूं पाने से वंचित रह गए।
भाजपा पार्षद गीता रानी के पति रुतेश निहंग ने कहा कि उनके वार्ड में गेहूं कभी वितरण से बचा नहीं। लोग तो पहले ही लाइनों में आकर लग जाते हैं। बीएसएफ कॉलोनी का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्षद कंवलजीत कौर गुल्लू के पति महेंद्र ¨सह गुल्लू ने बताया कि उनके वार्ड में ही एक दिन पहले ही गेहूं वितरण हुआ है, लेकिन एक बोरी गेहूं भी नहीं बचा था। 15 अगस्त को छुट्टी होने के कारण लोग घरों में ही थे, हाथों-हाथ गेहूं ले गए थे। संदेह के कारण
-गेहूं वितरण के समय पार्षद अंजलि भगत को बुलाया गया पर गेहूं स्टोर कराने की सूचना उन्हें नहीं दी गई। मिलीभगत से गेहूं डिपो होल्डर की कोठी में स्टोर कराया गया था।
-अगर स्टोर गेहूं की लिखित जानकारी विभाग के पास थी तो शिकायत मिलने के बाद जब टीम का गठन हुआ तब विभागीय अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की।
-मौके पर गेहूं पकड़े जाने के बाद ही उन्हें कैसे पता चला कि गेहूं लिखित रिकॉर्ड में डिपो होल्डर संचालक की कोठी में उतरवाया गया है।
-डिपो होल्डर की कोठी से बरामद गेहूं गांधी कैंप क्षेत्र का था, जो दूसरे वार्ड में आता है। बीएसएफ कॉलोनी दूसरे वार्ड में है। मुझे अभी चे¨कग की रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन अगर इस पूरे मामले में कोई भी दोषी हुआ तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जाएगा। किसी भी स्तर पर मामले में लीपापोती नहीं होने दी जाएगी।
-व¨रदर कुमार शर्मा, डीसी -लोग गेहूं लेने नहीं पहुंचे थे। गेहूं बचने के कारण मैंने बोरियां अपनी कोठी में उतरवा ली थीं ताकि अगले दिन बांटा जा सके।
-भगवान ¨सह, कोठी मालिक।

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