अभावों में पली-बढ़ी रूबी देखती थी अमीर बनने का ख्वाब, फिर उठा दिया खौफनाक कदम
रूबी का विदेश जाने का सपना पूरा नहीं हुआ तो वह परेशान रहने लगी। इसी दौरान उसे एक व्यक्ति मिला जो उसे विदेश पहुंचा सकता था, लेकिन उसकी ख्वाहिशों ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
जेएनएन, जालंधर। छोटी सी उम्र में वह बड़े-बड़े ख्वाब देखती थी। उसका बचपन अभावों में गुजरा था मगर हसरतों का कारवां बहुत लंबा था। वह अभावों की जिंदगी से छुटकारा पाना चाहती थी। हसरतों के इस सफर को पूरा करने के लिए उसने गलत रास्ता इख्तियार किया और उसका सफर सलाखों की मंजिल पर आकर थम गया। पुलिस पूछताछ में लाजपत नगर ट्रिपल मर्डर केस की आरोपी और मुख्य आरोपी अमरिंदर की प्रेमिका रूबी ने कई राज खोले।
रिमांड के दौरान पुलिस की पूछताछ में रूबी ने अपने बचपन से जुड़ी कई बातें बताई हैं। 30 साल की रूबी के पिता की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। परिवार में उससे बड़ा एक भाई व छोटी बहन है। आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पिता ने रूबी के बड़े भाई को कर्ज लेकर अमेरिका भेज दिया। भाई जब भी हर दो साल बाद अमेरिका से लौटता तो उसका रहन-सहन व उसकी विदेश से जुड़ी बातों को लेकर वह काफी प्रभावित होती थी।
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जिस पर रूबी ने विदेश जाने की ख्वाहिश मन में पाल ली थी। उसने न्यूजीलैंड जाने के लिए तैयारी भी की और 2009 में आइलेट्स की परीक्षा दी लेकिन 5.5 बैंड के कारण वह बाहर नहीं जा सकी। असफल रूबी की ख्वाहिशें पूरी नहीं हो सकीं तो घरवालों ने उम्र बढ़ती देख सुखजीत सिंह से उसकी शादी करा दी। रूबी को लगा था कि उसकी जो ख्वाहिशें मायके में पूरी नहीं हो सकीं वो शादी के बाद पूरी हो जाएंगी। शुरू में सब ठीक रहा मगर शादी के बाद भी अभावों का सफर खत्म नहीं हुआ।
फैक्ट्री में रूबी को 8 हजार तो पति को 6 हजार मिलते थे
एक बार आइलेट्स में विफल होने के बाद भी रूबी ने हार नहीं मानी। भाई से उसे पता चला कि बाहर कम्प्यूटर की काफी डिमांड है। इस पर उसने खालसा कॉलेज से कम्प्यूटर कोर्स किया। इधर, शादी होने के बाद खर्च निकालने के लिए पति-पत्नी दोनों को ही काम करना पड़ा। साथ रहे इसके लिए उन्होंने सोढल नगर स्थित जगदीश सिंह की फैक्ट्री में बतौर कैशियर काम करना शुरू किया। जहां डिप्लोमा देख कर रूबी को आठ हजार और सुखजीत को 6 हजार रुपये सैलरी पर रखा गया था। महत्वाकांक्षी रूबी के प्रति अमरिंदर आकर्षित था। रूबी को जब इसका एहसास हुआ तो उसे अमरिंदर के जरिये अपनी टूटी हुई उम्मीदें फिर से पूरी होने की आस जगी। इसके बाद उसने अमरिंदर से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं।
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अमरिंदर के पिता को जब इसका पता चला तो उन्होंने दोनों को काम से निकाल दिया। इसके बावजूद अमरिंदर ने रूबी से मिलना नहीं छोड़ा। अब अमरिंदर को रूबी से मिलने के लिए एक सेफ ठिकाने की जरूरत थी। इस पर उसने 2015 में रामामंडी में नया घर लेकर रूबी को दिया। अब अमरिंदर अक्सर रूबी से मिलने यहां आता-जाता था। अमरिंदर का इस कदर घर में आना रूबी के पति सुखजीत को अच्छा नहीं लगता था। इसलिए वह रूबी को बार-बार मना करने लगा। हसरतों के सफर में पति को रोड़ा बनते देख रूबी ने उससे तलाक लेने का मन बना लिया।
उधर, सुखजीत ने भी रूबी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। अब रूबी का सपना अमरिंदर से शादी कर उसके घर में जगह बनाने का था। इसी के चलते उसने अमरिंदर को उसकी पत्नी परमजीत कौर की हत्या के तैयार किया। इसके बाद दोनों मिलकर प्लान बनाया और अंतत: सुपारी किलर्स के माध्यम से अपने मंसूबे पूर कर लिए। रूबी की हसरतों के सफर ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
अब भी फरार हैं शूटर्स
ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाले शूटर्स अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। मामले में फरार चल रहे शूटर विपन कुमार और अमृतपाल की लोकेशन यूपी में ट्रेस हुई है। इसके बाद टीमें रवाना हो चुकी है। दावा है कि जल्द ही दोनों पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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