गुरपर्व पर दास्तान-ए-शहादत का उद्घाटन, 11 गैलरियों में गुरु गोबिंद सिंह के बड़े साहिबजादों की बेमिसाल कुर्बानियां होगी जीवंत
दास्तां ए शहादत का साल 2006 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की पहली बारी में इसका नींवपत्थर रखा गया था। सिख इतिहास और दशम गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की बेमिसाल कुर्बानियों को जीवंत करते इस प्रोजेक्ट में विभिन्न गैलरियों में बांटा गया है।
अजय अग्निहोत्री, परमिंदर सिंह, श्री चमकौर साहिब (रूपनगर)। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने हलके श्री चमकौर साहिब में चिरलंबित प्रोजेक्ट दास्तां ए शहादत को मुकम्मल करके अपना वादा पूरा कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को पहले थीम पार्क नाम दिया गया था। साल 2006 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की पहली बारी में इसका नींवपत्थर रखा गया था। सिख इतिहास और दशम गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की बेमिसाल कुर्बानियों को जीवंत करते इस प्रोजेक्ट में विभिन्न गैलरियों में बांटा गया है। हरेक गैलरी अपने आप में गौरवमयी इतिहास संजोए हुए है। इन गैलरियों में यह इतिहास एनीमेशन फिल्मों के जरिये दिखाया जाएगा। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह जी की याद को ये प्रोजेक्ट समर्पित है। डेढ़ दशक से अधर में रुके इस प्रोजैक्ट को बतौर सैर सपाटा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रहते हुए चन्नी ने पूरा करने का बीड़ा उठाया था।
अजूबा है 55 करोड़ का दास्तां ए शहादत प्रोजेक्ट
थीम पार्क दुनिया के सबसे सुंदर अजूबों में से एक होगा। यह दुनिया भर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। सिख कौम के इतिहास से भरपूर और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दो बड़े साहिबजादे की कभी न भुलाई जा सकने वाली शहादत की गवाही भरती चमकौर की धरती के गौरवमयी इतिहास को दर्शाने वाले थीम पार्क का 55 करोड़ से निर्माण करवाया गया है।
इस पार्क में 11 गैलरियों में अति आधुनिक तकनीकों से सिख फलसफे, चमकौर साहिब के साके, सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के आनंदपुर साहिब के किला छोड़ने से लेकर सरसा नदी के विछोड़े, माछीवाड़े के जंगलों समेत बड़े साहिबजादे और छोटे साहिबजादे की शहादत समेत बंदा सिंह बहादुर का पंजाब की तरफ कूच करना और सिख राज को फिर स्थापित करने दर्शाया जाएगा।
पदमश्री डा.सुरजीत पातर ने लिखी पटकथा और नामचीन गायकों ने दी आवाज
इस प्रोजैक्ट की पटकथा पद्मश्री डा. सुरजीत पातर ने लिखी है। वहीं, गैलरियों में दिखाए जाने वाले सिख इतिहास को दिखाती एनिमेशन फिल्में, गीतों और कमेंट्री को मुंबई और दिल्ली के नामी स्टूडियोज से तैयार करवाया गया है। इन फिल्मों में देश के नामी गायकों कैलाश खैर और सुखविंदर के अलावा कई अन्य नामी कलाकारों ने आवाज दी है। इस प्रोजैक्ट को विश्व प्रसिद्ध विरासत -ए -खालसा को तैयार करने वाले तकनीकी माहिरों की टीम, डिजाइनरों द्वारा मुकम्मल किया गया है।