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Road Safety: जालंधर में हाईवे के एंट्री प्वाइंटों पर टीमें तैनात, तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों की खैर नहीं

Road Safety एसएसपी देहाती स्वर्णदीप सिंह ने कहा कि हाईवे पर नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई हाेगी। जिला पुलिस सड़क हादसे रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। ओवरस्पीड से प्रवेश करने वाले वाहनों पर नजर रखी जाएगी।

By sukrant safariEdited By: Vipin KumarPublished: Mon, 28 Nov 2022 02:00 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 02:00 AM (IST)
Road Safety: जालंधर में हाईवे के एंट्री प्वाइंटों पर टीमें तैनात, तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों की खैर नहीं
Road Safety: एसएसपी देहाती स्वर्णदीप सिंह बातचीत करते हुए। (जागरण)

सुक्रांत, जालंधर। Road Safety: दैनिक जागरण द्वारा चलाया जा रहा सड़क सुरक्षा अभियान तमाम जानकारियां देने वाला साबित हो रहा है। हाईवे पर नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आदेश दिए गए हैं। जालंधर में हाईवे के एंट्री प्वाइंटों पर वाहनों की रफ्तार की जांच के लिए विशेष तौर पर टीमों को तैनात किया गया है। यह टीमें रोजाना शहर में ओवरस्पीड से प्रवेश करने वाले वाहनों पर नजर रख रही हैं और उनके चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं।

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ये बातें दैनिक जागरण के प्रतिनिधि सुक्रांत के साथ बातचीत में एसएसपी देहाती स्वर्णदीप सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि हाईवे पर नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सड़क हादसे रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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आगामी कुछ दिनों में धुंध पड़नी शुरू हो जाएगी और सड़क हादसे बढ़ेंगे। ऐसा न हो इसके लिए क्या तैयारी की गई है?

- धुंध की वजह से हादसे होते हैं और इसके लिए रिफ्लेक्टर लगाने की मुहिम शुरू की जाएगी। बड़े स्तर पर रिफ्लेक्टर बांटे जाएंगे और पुलिस वाले खुद भी वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाएंगे। इसके साथ ही वाहन चालकों को फाग लाइट लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए सेमिनार भी करवाए जाएंगे।

हाईवे पर हादसे का खतरा ज्यादा है। कई जगह साइन बोर्ड नहीं हैं तो तीखे मोड़ या बाटलनेक पुलों पर रिफ्लेटर के इंतजाम नहीं हैं। इस अव्यवस्था को कब तक सुधार लिया जाएगा?

- हाईवे पर हादसों के खतरे को कम करने के लिए पुलिस काम कर रही है। साइन बोर्ड लगभग हर जगह है और जहां पर नहीं हैं वहां पर लगवाए जाएंगे। रिफ्लेक्टर भी लगवाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में और तेजी से काम होगा। लोगों की सुरक्षा सबसे पहले है।

हाईवे पर स्थित ढाबों के बाहर सड़क पर ही चालक ट्रक खड़े कर देते हैं, यह हादसों का बड़ा कारण है। हाईवे पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है। सड़कों पर वाहन खड़े न हों, इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं?

- बिलकुल सही, ढाबों के बाहर खड़े ट्रकों की वजह से हादसे होते हैं। हाईवे पर खड़े ट्रकों को हटाने के लिए पुलिस टीमें काम कर रही हैं। चालान भी काटे जा रहे हैं और वाहन जब्त भी किए जा रहे हैं। हाईवे पेट्रोलिंग टीम पूरी तरह से अलर्ट है और सड़कों पर खड़े वाहनों को हटाने के लिए काम कर रही है। यदि कोई लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

हाईवे ही बड़ी संख्या में अवैध कट बन चुके हैं, इन कट्स को बंद करवाने के लिए क्या योजना बनाई है? क्या एनएचएआइ से कोई पत्राचार हुआ है?

- हाईवे पर बने हुए कई अवैध कट बंद करवाए गए हैं और आगे भी इस बात की जांच की जा रही है कि कहां पर अवैध कट अभी बने हुए हैं। कट बनवाने वालों पर सख्ती की जाएगी। एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया) से इस संबंध में बात हुई है और वो भी अवैध कट को हटाने में पूरा सहयोग दे रहे हैं।

ओवरस्पीड वाहनों से ही ज्यादातर हादसे होते हैं, परंतु जिला पुलिस के पास स्पीड इंटरसेप्टर की कमी है। ऐसे में चालान कैसे कटेंगे? कार्रवाई न होना तो नियम तोड़ने वालों को आजादी देने जैसा है। क्या सरकार से इंटरसेप्टर नहीं मांगे जाते?

- देहात पुलिस के पास दो स्पीड इंटरसेप्टर हैं और दोनों ही पूरी तरह से काम कर रहे हैं। हाईवे पर हाईटेक नाके लगाकर दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। बीते एक साल में ओवरस्पीड के साढ़े तीन सौ के करीब चालान काटे जा चुके हैं। विभाग को और स्पीड इंटरसेप्टर के बारे में लिखा जा चुका है, जिसके जल्द ही मिलने की उम्मीद है।

एक और बात सामने आई है कि जिले में वाहनों और सड़कों के अनुपात में ट्रैफिक पुलिस की कमी है। नियम न टूटें, इसके लिए क्या ट्रैफिक पुलिस की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी?

- ट्रैफिक पुलिस की कमी को कमी नहीं माना जाता और विभाग के सारे कर्मचारी इस बात को समझते हैं। विभाग से और नफरी मांगी गई है। अगर बीते कुछ सालों के अनुपात की बात की जाए तो लोग नियमों को ज्यादा मान रहे हैं। इसे पुलिस की सख्ती और लोगों को प्रेरित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का असर ही कहा जा सकता है।

जिले में ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए हैं। नियमानुसार ऐसे स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम बहुत जरूरी हैं, लेकिन पुलिस ब्लैक स्पाट के आसपास नजर भी नहीं आ रही। आप क्या कहेंगे?

- यह कहना बिलकुल गलत है कि ब्लैक स्पाट पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। पुलिस कर्मियों को सख्त निर्देश हैं कि जहां पर ब्लैक स्पाट हैं, वहां पर पुलिस का स्थायी नाका हो। यदि ब्लैक स्पाट पर कोई दुर्घटना होती है तो वहां के संबंधित थाना प्रभारी की जिम्मेवारी तय की जाती है, जिससे हर थाना प्रभारी इसे गंभीरता से लेता है।

जिलों की अंदरूनी सड़कों पर रांग साइड ड्राइविंग और अवैध पार्किंग भी बड़ी समस्या है, सड़कों पर जाम लगने से आमजन परेशान हो रहा है। इसे दूर करने के लिए क्या कार्रवाई की जाएगी?

- देहात की अंदरूनी सड़कों पर शहरी सड़कों से थोड़ी कम परेशानी आती है। लोग नियम तोड़ते हैं, लेकिन पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है। अवैध पार्किंग बड़ी समस्या है और इससे निपटने के लिए टीमें बना कर समय-समय पर बड़ी कार्रवाई की जाती है। आगे भी कार्रवाई की जाती रहेगी।


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