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    Operation Blue Star Anniversary: श्री हरिमंदिर साहिब में कार्यक्रम, गरमपंथियों ने खालिस्तानी नारों के बीच लहराई तलवारें

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 11:55 AM (IST)

    Operation Blue Star Anniversary आपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान खालिस्तानी नारों ...और पढ़ें

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    आपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर पहुंचती संगत व कार्यक्रम में बैठा दीप सिद्धू। जागरण

    अमृतसर [पंकज शर्मा]। Operation Blue Star Anniversary: जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब में की गई सैन्य कार्रवाई के दौरान मारे गए सिखों की याद में घल्लूघारा दिवस मनाया गया। कई गरमपंथियों के हाथों में 'खालिस्तान जिंदाबाद' व 'खालिस्तान साडा हक है' लिखे बैनर दिखाई दिए। भिंडरावाला के पोस्टर लहराए गए और खालिस्तान के झंडे व तलवारें भी लहराई गई।

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    सुबह अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद शहीदों के परिवारों को अकाल तख्त के जत्थेदार और शिरोमणि कमेटी के अधिकारियों की ओर से सम्मानित किया गया। जैसे ही अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कौम के नाम संदेश जारी करने लगे तो उस वक्त दल खालसा, अकाली दल अमृतसर और सरबत खालसा के कार्यकर्ताओं की ओर से खालिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी शुरू कर दी गई। जब तक जत्थेदार अकाल तख्त अपना संदेश देते रहे तब तक परिसर में जोरदार नारेबाजी होती रही।

    इसके बाद सरबत खालसा के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने शहीदी यादगार गुरुद्वारा के पास जैसे ही कोम के नाम संदेश देना शुरू किया तो शिरोमणि कमेटी की ओर से गुरबाणी कीर्तन की आवाज तेज कर दी। अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान अपने पुत्र और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ श्री अकाल तक पहुंचे। उन्होंने भी जैसे ही पंथ के नाम संदेश शुरू किया तो शिरोमणि कमेटी की ओर से गुरबाणी कीर्तन की आवाज बहुत तेज कर दी।

    मान समर्थकों की ओर से काफी देर तक खालिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी होती रही। शहीदों के परिवार भी पहुंचे। जरनैल सिंह भिंडरावाला के पुत्र भाई ईश्वर सिंह पहुंचे। उनको भी शिरोमणि कमेटी और पंथक संगठनों की ओर से सम्मानित किया गया। इस बार कई पुराने खालिस्तान समर्थक और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे व्यक्ति भी अकाल तख्त पर पहुंचे। इस दौरान तलवारें भी लहराई गई।

    श्री हरिमंदिर साहिब के गेट के बाहर तैनात पुलिस। जागरण

    कार्यक्रम में लाल क़िला हिंसा (Red Fort Violence) केस का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) भी पहुंचा है। श्री हरिमंदिर साहिब तक जाने व आने वाले सभी रास्तों पर भी बड़ी संख्या में पुलिस व सुरक्षा बल तैनात रहे। एसजीपीसी की ओर से भी बड़ी संख्या में श्री हरिमंदिर साहिब के अंदर अपनी टास्क फोर्स भी तैनात की गई।  परिसर के अंदर पंजाब पुलिस के कर्मचारी और महिला पुलिस की कर्मचारी सिविल कपड़ों में तैनात रहे। 

    श्री हरिमंदिर साहिब में पहुंची संगत। जागरण

    इससे पूर्व, गत दिवस आपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर दल खालसा की ओर से एक घल्लूघारा यादगारी मार्च का आयोजन किया गया। गत देर सायं दल खालसा और सिख यूथ आफ पंजाब के कार्यकर्ता हेरिटेज स्ट्रीट स्थित भाई गुरदास हाल पहुंचे । वहां एक सेमिनार का आयोजन करते हुए युवाओं को अप्रेशन ब्लू स्टार की इतिहास को अवगत करवाते हुए शहीदों को याद किया गया।

    इस दौरान संगठन के नेताओं कंवरपाल सिंह बिट्टू, हरपाल सिंह चीमा, परमजीत सिंह मंड, परमजीत सिंह टांडा आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि अप्रेशन ब्लू स्टार सिखों के लिए न भुलाई जाने वाली घटना है। समय की सरकार ने सिखों पर अत्याचार करते हुए श्री हरिमंदिर साहिब और अकाल तख्त साहिब पर हमला किया। उन्होंने कहा कि समय समय की सरकारें एक साजिश की तहत सिखों पर अत्याचार करती रही है।

    सेमिनार के बाद देर शाम दल खालसा के कार्यकर्ता हाथों में अपनी मांगों को लेकर व जून 1984 की घटनाओं को प्रदर्शित करती तस्वीरें, माटो, बैनर आदि उठाए हुए थे। भाई गुरदास हाल से कार्यकर्ता मार्च करते हुए श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे और जून 1984 के शहीदों को श्रद्धा सुमन भेंट करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर कार्यकर्ताओं की ओर से सामूहिक अरदास की गई।

    आपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर पहुंचती संगत व कार्यक्रम में बैठा दीप सिद्धू। जागरण

    न्याय न मिलने के लिए राजनीतिक सिस्टम दोषी: दीप सिद्धू

    लाल किला हिंसा के आरोपित पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू ने श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के बाद कहा कि 37 साल बाद भी इतिहास सच बोल रहा है। दरबार साहिब पर गोलियां लगी और श्री गुरु ग्रंथ साहिब घायल हुए, शहीदियां हुई बेगुनाह बच्चों व लोगों को मारा गया। सच कभी भी नहीं छुपता। आज पूरा पंजाब शहीदी दिवस पर पहुंचा और शांतमय शहीदों को याद कर रहा है।

    दीप सिद्धू ने कहा कि 1984 में जो कौम के साथ हुआ, उससे सीख लेते हुए ही आज हम आगे बढ़ रहे हैं। 37 साल बाद भी कौम को न्याय न मिलने के लिए राजनीतिक सिस्टम दोषी है। इंसाफ लेने जाते है तो सियासी सिस्टम ही ऐसा बना हुआ है कि आप अपने हक की बात नहीं कर सकते। एक तरफ रक्षा मंत्री सिख रेजीमेंट की प्रोत्साहित करते हैं, वही अगर हम किसान आंदोलन में अपना हक मांगते है तो हम देश विरोधी लगते है।

    दीप सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस हो या भाजपा किसी ने भी न्याय नहीं दिया। लोकतंत्र में अगर शांतमय हक के लिए प्रदर्शन होता है तो उसकी उसमें जगह होनी चाहिए, पर विडंबना ही कहेंगे कि हमारे सिस्टम में यह नहीं हो रहा। कृषि कानून स्टेट सबजेक्ट है, इसे केंद्र ने थोपा तो ही ऐसे हालात बने।