भ्रष्टाचार मामले में 103 दिन बाद जालंधर MLA रमन अरोड़ा को मिली जमानत, HC ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर दिया फैसला
जालंधर में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार रमन अरोड़ा और एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। विधायक रमन अरोड़ा को गिरफ्तारी के 103 दिन बाद और सुखदेव वशिष्ठ को 112 दिन बाद जमानत मिली। विजिलेंस ने दोनों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत मंजूर की।

जागरण टीम, जालंधर। भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार रमन अरोड़ा व एटीपी सुखदेव वशिष्ठ की जमानत याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से दो घंटे तक दलीलें पेश की गईं।
विधायक रमन अरोड़ा की ओर पेश हुए वकील गुरमोहन सिंह बेदी की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी के 103 दिन बाद जमानत दे दी।
वहीं एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को 112 दिन बाद जमानत मिली। विजिलेंस ने फर्जी नोटिस भेजने के मामले में एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को 14 मई को और 23 मई को विधायक रमन अरोड़ा को गिरफ्तार किया था।
विधायक के घर से विजिलेंस को छह लाख की नकदी, एक किलो 100 ग्राम सोना, आधा किलो चांदी और दो नोटिस बरामद हुए थे। 24 मई को विधायक को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया था।
25 मई को विधायक अमन अरोड़ा की हुई थी सेहत खराब
रिमांड के दौरान 25 मई को विधायक अरोड़ा की सेहत खराब हो गई थी। 28 मई को विजिलेंस ने विधायक से पूछताछ के बाद बेटे राजन अरोड़ा, समधी राजू मदान और साथी महेश मखीजा को केस में नामजद कर लिया था। उसी दिन विधायक से पूछताछ में नगर निगम की बिल्डिंग विभाग की इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर की भूमिका सामने आई थी।
29 मई को विजिलेंस टीम ने हरप्रीत कौर को केस में नामजद कर गिरफ्तार कर लिया और 30 मई को महेश मखीजा को 29 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। इस दौरान 15 लोगों ने विजिलेंस को विधायक के खिलाफ शिकायतें दी थीं और बताया था कि विधायक के साथियों ने डरा धमका कर पैसे वसूले थे।
गिरफ्तारी के बाद रमन अरोड़ा ने जमानत के लिए जालंधर के ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन 11 जुलाई को अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अरोड़ा ने हाई कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर आरोपित को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। वह मामले की जांच में सहयोग कर सकते हैं।
जमानत मिलने के तीन कारण
विधायक रमन अरोड़ा की ओर से पेश हुए वकील गुरमोहन सिंह बेदी ने कहा कि विधायक को गिरफ्तार हुए 100 दिन से ऊपर का समय हो चुका है। इतने दिन न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
गुरमोहन सिंह बेदी ने कहा कि विजिलेंस की ओर से कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है, जिसमें 15 लोगों से विजिलेंस ने बयान भी लिए हैं। विजिलेंस ने चालान में बताया कि महेश मखीजा के पास से जो पैसे बरामद हुए हैं, वो विधायक के हैं, लेकिन पूछताछ में मखीजा ने कहा कि पैसे उनके ही हैं।
वकील ने अदालत में कहा कि विधायक से पूछताछ के बाद विजिलेंस ने उनके साथियों को केस में नामजद कर लिया। विधायक जांच में विजिलेंस को सहयोग करेंगे।
राजन अरोड़ा, महेश मखीजा व हरप्रीत कौर को मिल चुकी है जमानत 17 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा को जमानत दे दी थी और जांच में शामिल होकर विजिलेंस को सहयोग करने के लिए कहा था।
आठ अगस्त को विधायक के करीबी महेश मखीजा की जमानत पर जिला एवं सेशन जज जसविंदर सिंह की अदालत सुनवाई हुई, जहां अदालत ने मखीजा को जमानत दी और एक लाख रुपये का जमानती बांड भरने का आदेश दिए थे। वहीं 20 अगस्त को बिल्डिंग ब्रांच की इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर को जमानत मिली थी।
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