गुरदास मान बर्थडेः दिल दा मामला है... से रातोंरात बन गए थे देश के चहेते, विवादों में गुजरा पिछला साल
वर्ष 1980 किसी ने गुरदास मान को स्टेज पर लाइव होकर दिल दा मामला गाते देखा और दूरदर्शन के लिए गाने का निमंत्रण दिया। दिल दा मामला है... गीत दूरदर्शन पर आते ही गुरदास मान रातों रात स्टार बन गए। उस समय उनकी उम्र केवल 23 वर्ष थी।

आनलाइन डेस्क, जालंधर। लिविंग लीजेंड पंजाबी सिंगर गुरदास मान के चाहने वालों के लिए आज का दिन खास है। लाखों प्रशंसकों के दिलों में राज करने वाले गुरदास मान का आज 4 जनवरी को 65वां जन्मदिन है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि गीत-संगीत और अभिनय की दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले गुरदास मान कभी पंजाब इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में एक छोटी सी नौकरी करते थे। वर्ष 1980 किसी ने उन्हें स्टेज पर लाइव होकर दिल दा मामला गाते देखा और दूरदर्शन के लिए गाने का निमंत्रण दिया। दिल दा मामला है... गीत दूरदर्शन पर आते ही गुरदास मान रातों रात स्टार बन गए। उस समय उनकी उम्र केवल 23 वर्ष थी। आज भी उनके कई गीत लोगों की जुबां चढ़े रहते हैं। सजना वे सजना... अपना पंजाब होवे... छल्ला उनके प्रसिद्ध गीत हैं। वे अब तक 300 से ज्यादा गीत लिख चुके हैं।
गिद्दड़बाहा में हुआ जन्म
उनका जन्म 4 जनवरी, 1957 को गुरदेव सिंह और तेज कौर के घर पर गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी यहीं से पूरी की। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। वे अब तक 34 से ज्यादा एलबम रिकार्ड कर चुके हैं। वर्ष 1986 में उनकी फिल्म 'लौंग दा लिस्कारा' बड़ी हिट साबित हुई थी। अभिनेता के रूप में उन्होंने पंजाबी के अलावा हिंदी और तमिल फिल्मों में भी काम किया है।
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वारिस शाहः इश्का दा वारिस ने दिलाया राष्ट्रीय पुरस्कार
हालांकि उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि फिल्म वारिस शाहः इश्का दा वारिस से मिली। इसमें उन्होंने विश्व प्रसिद्ध कविता हीर-रांझा लिखने वाले पंजाबी गायक वारिस शाह का किरदार निभाया था। इसमें उनके साथ अभिनेत्री जूही चावला और दिव्या दत्ता ने भी काम किया था। इस फिल्म के गीतों के लिए उन्हें बेस्ट पुरुष प्लेबैक सिंगर 54वां राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से भी नवाजा गया था। वह वीर-जारा फिल्म में शाह रुख खान और प्रीटि जिंटा के साथ गेस्ट अपीयरेंस में भी नजर आए थे।
गुरदास मान के लिए विवादों में बीता साल 2021
सिंगर गुरदास मान पिछले साल 2021 में विवादों में घिरे रहे। आरोप है कि उन्होंने जालंधर के नकोदर में एक धार्मिक कार्यक्रम में डेरा के गद्दीनशीन की तुलना सिख गुरु से कर दी थी। सिख संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने वीडियो जारी करके माफी मांग ली थी। हालांकि सिख संगठनों के धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उन पर एफआईआर दर्ज की थी। कई महीने तक गिरफ्तारी की तलवार लटकी रही। फिलहाल मामला अदालत में विचाराधीन है।

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