Punjab Weather: फरवरी की गर्मी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, गेहूं की फसल पर संकट के बादल; चार दिन बाद बारिश की संभावना
जालंधर में फरवरी में पड़ रही तेज धूप और बढ़ते तापमान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गेहूं की फसल पर इसका सीधा असर दिख रहा है। समय से पहले पकने से गेहूं की फसल कमजोर हो रही है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। शहर में शुक्रवार को दिन में अच्छी धूप खिली, लेकिन साथ ही शीतलहर भी चलती रही। बीते 24 घंटों की बात करें तो अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी और न्यूनतम में 0.8 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री और न्यूनतम 5.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिन आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। 18 और 19 नवंबर को वर्षा की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ डा. दलजीत सिंह का कहना है कि मौसम एक बार फिर से बिगड़ने लगा है।
बढ़ते तापमान से किसान चिंतिंत
मौसम लगातार बदल रहा है। तेज धूप के साथ तेज हवाएं चल रही हैं। इसका असर फसलों पर दिखाई दे रहा है। समय से पहले फसलें पकने का खतरा बढ़ गया है। फरवरी में ऐसे मौसम से किसानों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई हैं। इस मौसम में गेहूं की पैदावार घटने का खतरा है।
साथ ही आम, मौसमी, किन्नू आदि की खेती भी प्रभावित हो सकती है। जिले में गेहूं की फसल की दो लाख हेक्टेयर में बिजाई की गई है और किन्नू की खेती 101 एकड़ भूमि में की गई है। किसानों का कहना है कि मौसम में आई गर्माहट के कारण गेहूं की फसल को पानी अधिक लगाना पड़ रहा है।
कृषि विज्ञानी भी मौसम को देखकर चौंक रहे हैं। वे इसे जलवायु परिवर्तन का नतीजा बता रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार ऐसे ही मौसम बदलता रहा तो 19 फरवरी तक अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। गेहूं की फसल को तैयार होने के लिए 120 से 150 दिन तक का समय लगता है। अभी फसल के लिए लगभग दो महीने का समय लगेगा।
तापमान का गेहूं की फसल पर सीधा असर
तापमान अधिक बढ़ने से फसल समय से पहले पकने से उसमें दाना जल्दी आएगा जो हल्का रहेगा। जिस कारण पैदावार घटने का खतरा बना हुआ है। कृषि विशेषज्ञ डा. गुरनाम सिंह का कहना है कि फरवरी में आखिर तक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पूर्वानुमान बताया जा रहा है, जो रिकार्ड होगा।
ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। किसानों को फसलों में पानी अधिक लगाने की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल गेहूं की फसल पर सीधा असर दिखाई दे रहा है। समय से पहले पकने से गेहूं की फसल कमजोर हो जाएगी।
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