Punjab Weather: पंजाब में मौसम बदलने से बिगड़े हालात, भारी वर्षा में डूबे कई शहर; 7 दिनों तक बारिश का येलो अलर्ट
जालंधर और लुधियाना में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जालंधर में 30 घंटे में 80 एमएम से अधिक वर्षा हुई जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया। मौसम विभाग ने अगले सात दिनों में वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। लुधियाना में 86.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जिससे तापमान में गिरावट आई है।
जागरण टीम, जालंधर। महानगर में पिछले 30 घंटे में करीब 80 एमएम वर्षा हो चुकी है। रविवार के बाद सोमवार को भी सुबह से शहर में वर्षा हो रही है। जालंधर में मानसून में औसतन 417 एमएम वर्षा होती है, जबकि इस बार अब तक वर्षा का आंकड़ा 500 एमएम तक पहुंच गया है।
अब भी मानसून का सीजन समय बचा है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक आने वाले सात दिनों में वर्षा होने के आसार हैं। इसको लेकर मौसम विभाग पहले ही येलो अलर्ट जारी कर चुका है। पिछले दो दिन से हो रही वर्षा के कारण मौसम ने करवट ली और दिन में ठंड महसूस होने लगी है।
वर्षा से पांच डिग्री अधिकतम तापमान गिर गया है। रविवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। सोमवार को यह घटकर अधिकतम 28 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वर्षा से शहर में जलभराव लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है।
लुधियाना में रविवार से शुरू हुई मानसून की झड़ी सोमवार को भी जारी रही। मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार शहर में चौबीस घंटे के दौरान 86.2 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। रविवार शाम पांच बजे के बाद से सोमवार सुबह आठ बजे तक 79.4 मिलीमीटर व इसके बाद शाम पांच बजे तक 7.2 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। लगातार वर्षा की वजह से शहर का मौसम पूरी तरह से बदल गया।
इससे दिन का तापमान भी सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस कम रहा। पीएयू मौसम विभाग की प्रमुख डा. पवनीत किंगरा के अनुसार वर्ष 1970 से लेकर 2024 के दौरान (55 वर्ष) कभी भी इस तिथि को तापमान इतना नीचे नहीं आया। शहर में दिन का तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं रुक-रुक कर वर्षा होने से शहर में कई जगह हलका जलभराव हुआ।
वर्षा के कारण शहर में कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। नगर निगम के एरिया में बनी हुई अधिकतर सड़कें टूट चुकी हैं और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इस वजह से लोगों का आर्थिक नुकसान तो हो रहा है, साथ ही साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। लोगों की मांग है कि नगर निगम की तरफ से जल्द इन टूट चुकी सड़कों और गड्ढों को टेंपरेरी तौर पर भरने का काम किया जाए। शहर के माडल टाउन, जमालपुर, दुगरी, पुराना शहर, निगम चौक के अलावा कई ऐसे एरिया हैं यहां पर सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं।
कपूरथला में सोमवार सुबह शुरू हुई वर्षा सात बजे तक जारी रही। शहर के निचले इलाकों में जलभराव होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। अमृत बाजार, मणि महेश मंदिर रोड, कचहरी चौक, चारबत्ती चौक आदि इलाकों में पानी भर गया। निगम ने वर्षा से पहले नाले-नालियों की सफाई करवाने के दावे किए थे लेकिन वर्षा के चलते निगम के दावों की पोल खुल गई।
वर्षा से सोमवार को तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तथा लोगों को गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी वर्षा होने की संभावना है। शहर में दूसरे दिन हुई वर्षा ने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। वर्षा के चलते दो दिन से बाजारों में भी रौनक कम है।
लोगों का कहना है कि दो दिन पूर्व निगम कमिश्नर ने कोटू चौक का दौरा कर लोगों से अपील की थी कि वह प्लास्टिक व कूड़ा गटर में न फेंके। जब वर्षा शुरु होती है तो सड़कों, गलियों, मोहल्लों में लगे कूड़े के ढेर पानी में तैरने लगते है। पानी का बहाव कम होता है तो यह कूड़ा नालियों, गटरों व हौदियों में चला जाता है जिसका खामियाजा शहर निवासी घरों में कैद होकर भुगत रहे है।
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