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    पंजाब में नहीं थम रहा गंहूं की नाड़ जलाने का सिलसिला, रोज आ रहे एक हजार से ज्यादा मामले

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 10:49 AM (IST)

    गेहूं की नाड़ की आग ने पंजाब सरकार खेतीबाड़ी विभाग और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है। अब नाड़ जलाने के रोजाना मामले एक हजार के करीब आना शुरू हो गए हैं। इस वर्ष एक अप्रैल से सात मई तक ही 11343 मामले सामने आ चुके हैं।

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    पंजाब में अब तक 11,343 जगह जलाई गई नाड़। पुराना चित्र।

    गौरव सूद, पटियाला। राज्य में गेहूं की फसल की कटाई के बाद उसके अवशेष (नाड़) को आग लगाने का क्रम थम नहीं रहा है। हालात यह हो गए हैं कि रोज एक हजार से ज्यादा नाड़ जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नाड़ जलाने के ज्यादा मामले सामने आए हैं। अगर वर्ष 2021 की बात करें तो एक अप्रैल से 31 मई 2021 तक राज्य में नाड़ जलाने के कुल 10,100 मामले सामने आए थे, जबकि इस वर्ष एक अप्रैल से सात मई तक ही 11,343 मामले सामने आ चुके हैं, जोकि पिछले वर्ष से 1343 ज्यादा हैं।

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    नाड़ की आग ने पंजाब सरकार, खेतीबाड़ी विभाग और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है। अभी मई महीने का पहला हफ्ता ही बीता है। अभी ही नाड़ जलाने के केस पिछले साल से बढ़ चुके हैं। आने वाले दिनों में स्थिति चिंताजनक हो सकती है।

    27 अप्रैल से नाड़ जलाने के मामलों ने पकड़ी रफ्तार

    26 अप्रैल तक राज्य में गेहूं की नाड़ जलाने के मामले सिर्फ 1064 थे, जिन्होंने 27 मई से एक दम रफ्तार पकड़ ली। अब नाड़ जलाने के रोजाना मामले एक हजार के करीब आना शुरू हो गए हैं। इस सीजन दौरान दो मई को नाड़ जलाने के सबसे ज्यादा 1887 मामले सामने आ चुके हैं।

    फिरोजपुर, अमृतसर और गुरदासपुर में सबसे ज्यादा जली नाड़

    राज्य में गेहूं की नाड़ जलाने के सबसे ज्यादा मामले माझा और मालवा क्षेत्र में सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 1280 मामले फिरोजपुर, 1063 मामलों के साथ अमृतसर दूसरे, 1013 मामलों के साथ गुरदासपुर तीसरे, 969 मामलों के साथ तरनतारन चौथे और 968 मामलों के साथ मोगा पांचवें स्थान पर है।

    किसानों को किया जा रहा जागरूक

    पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डा आदर्शपाल विग ने कहा कि किसानों को गेहूं के नाड़ के निस्तारण के विभिन्न साधनों के बारे में जागरूक करने के साथ- साथ उन्हें मशीनें व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। स्कूल के विद्यार्थियों के जरिये जागरूक भी किया जा रहा है।