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    Punjab: निजी स्कूलों पर शिकंजा, फीस बढ़ाने या विशेष दुकान से किताबें खरीदवाने पर लगेगा 2 लाख रुपये तक का जुर्माना

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jul 2022 01:48 PM (IST)

    एडीसी कम जिला स्तरीय रेगुलेटरी कमेटी के चेयरमैन मेजर अमित सरीन ने कमेटी की बैठक में स्कूलों को नियमों का पालन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि स्कूलों की तरफ से शिक्षा देना ही असल कार्य है इसे मुनाफा व व्यापार का साधन नहीं बनाना चाहिए।

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    सरकारी आदेश के मुताबिक स्कूलों की किताबें शहर की कम से कम 20 दुकानों पर मिलनी चाहिए। सांकेतिक चित्र।

    जासं, जालंधर। पंजाब सरकार ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब ऐसे स्कूलों को मनमानी करना महंगा पड़ेगा। निजी स्कूलों ने यदि मनमानी से फीस बढ़ाई, वर्दियां व किताबें पसंदीदा दुकान से खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला तो 30 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। उनकी मान्यता रद करने की भी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला एडीसी कम जिला स्तरीय रेगुलेटरी कमेटी के चेयरमैन मेजर अमित सरीन ने कमेटी की बैठक के दौरान सुनाया।

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    उन्होंने पंजाब रेगुलेशन आफ फीस अनएडिड एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस संशोधिक एक्ट-2019 का विद्यक संस्थानों को पालन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि संस्थाएं इस एक्ट को लागू करने के लिए पाबंद हैं ताकि अभिभावकों को अनएडिड स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाने, सहित अन्य चार्ज में किसी भी किस्म की समस्या का सामना करना पड़े। इस कानून को लागू करने में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। अगर कहीं से भी इसकी शिकायत आती है तो उस संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे फीस बढ़ाने, दुकान विशेष से किताबें व वर्दियों बेचने, ओवरचार्ज करने आदि की शिकायत लेकर कमेटी के पास आ सकते हैं। कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी शिकायत पेंडिंग न रहे। मनमानी करने वाले स्कूलों पर जुर्नाना भी लगेगा और एनओसी रद करने की भी कार्रवाई होगी।

    शहर की 20 दुकानों में किताबें होना अनिवार्य

    उन्होंने कहा कि सभी सभी स्कूल व शिक्षण संस्थान निर्देशों का ध्यान रखें। स्कूल सुनिश्चित करें कि वे किसी भी अभिभावक को किताबें, वर्दियां खरीदने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और कम से कम शहर की 20 दुकानों में स्कूल की किताबें होनी अनिवार्य है।

    एडीसी ने कहा कि स्कूलों की तरफ से शिक्षा देना ही असल कार्य है इसे मुनाफा व व्यापार का साधन नहीं बनाना चाहिए। इस मौके पर उप जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी राजीव जोशी, कमेटी मैंबर एडवोकेट मनू जिंदल सहित अन एडिड स्कूलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।