अमृतसर में पकड़े गए दिलबाग ने लुधियाना बम कांड में गगनदीप को दी थी आइईडी
लुधियाना बम कांड में मारे गए मुख्य आरोपित पुलिस के बर्खास्त कांस्टेबल गगनदीप सिंह ने आईईडी की कनसाइनमेंट दिलबाग सिंह नाम के तस्कर से ली थी। एसटीएफ ने दिलबाग सिंह और एक किशोर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
जासं, अमृतसर। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 23 दिसंबर, 2021 को लुधियाना बम कांड में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक वीरवार को 500 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया दिलबाग सिंह और दूसरा जेल में बंद सुरमुख सिंह है। सुरमुख सिंह को एसटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार किया है।
बार्डर रेंज के आइजी मोहनीश चावला ने शुक्रवार प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि एसटीएफ ने सूचना के आधार पर भारत-पाक सीमा के साथ सटे धनोए खुर्द गांव निवासी सविंदर सिंह और हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सविंदर सिंह के कब्जे से आधा किलो हेरोइन बरामद की। आरोपितों से की गई पूछताछ के बाद पुलिस ने चक अल्लाह बख्श गांव निवासी दिलबाग सिंह उर्फ बागो को गिरफ्तार किया।
आइजी ने बताया कि दिलबाग के कब्जे से 500 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। जब दिलबाग से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि 23 दिसंबर को लुधियाना की कचहरी में हुए बम धमाके में उसी ने आइईडी पंजाब पुलिस के बर्खास्त मुलाजिम गगनदीप सिंह जोकि धमाके में खुद भी मारा गया था, को दी थी। यह आइईडी वह पंजू कलाल गांव जिला अमृतसर निवासी सुरमुख सिंह के कहने पर भारत-पाक सीमा के पास से उठाकर लाया था। सुरमुख सिंह को एसटीएफ ने ही 14 जनवरी की रात एक आइईडी के साथ गिरफ्तार किया था।
सुरमुख की इंटेरोगेशन के बाद एसटीएफ ने सात फरवरी को दो और आइईडी बरामद की थी। सुरमुख सिंह इस समय अमृतसर की फताहपुर जेल में बंद था। दिलबाग सिंह के खुलासे के बाद एसटीएफ ने सुरमुख को फिर प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
नाबालिग को डिस्चार्ज करवाने की कार्रवाई शुरू
आइजी मोहनीश चावला ने बताया कि जांच में सामने आया है कि पकड़े गए नाबालिग की इस प्रकरण में कोई भूमिका नहीं है। आइजी ने दावा किया है कि नाबालिग को फिलहाल जुवेनाइल जेल भेजा जा रहा है। उसे डिस्चार्ज करवाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।
एप से करता था अंतरराष्ट्रीय नंबर जनरेट
आइजी ने बताया कि पकड़ा गया नाबालिग आरोपितों के इशारे पर एक एप्लीकेशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय नंबर जनरेट कर लेता था। मोबाइल नंबर मिलते ही आरोपित पाकिस्तान बैठे तस्करों के संपर्क में आ जाते थे।
60 किलो हेरोइन लगाई ठिकाने
एआइजी रछपाल सिंह ने बताया कि दिलबाग सिंह पिछले दो साल से कुल 60 किलो हेरोइन ठिकाने लगा चुका है। यह खेप वह सुरमुख सिंह के इशारे पर उठाता और फिर उसे पंजाब और प्रदेश के बाहर सुरक्षित पहुंचा देता था। आइईडी भी दिलबाग ने सुरमुख के इशारे पर सीमांत क्षेत्र से उठाई और फिर उसे लुधियाना जाकर गगनदीप को दी थी।