Jalandhar News: सतलुज का बढ़ा जलस्तर, शाहकोट में अस्थायी बांध टूटने से 20 गांवों में बाढ़ का खतरा
भाखड़ा बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज नदी के किनारे के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से शाहकोट के पास अस्थायी बांध टूट गया जिससे कई गांवों में पानी भर गया और फसलें डूब गईं। मौसम विभाग ने भारी वर्षा की संभावना जताई है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
जागरण टीम, जालंधर। भाखड़ा बांध से तीन दिन से लगातारछोड़े जा रहे अतिरिक्त पानी से सतलुज दरिया के साथ लगते क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। वीरवार को तीसरे दिन भी फ्लड कंट्रोल गेट खोलकर रखे गए। इस समय भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,666.50 फीट है। फिलहाल 43,341 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
पौंग बांध से 65,272 व रणजीत सागर डैम से भी 8,468 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। वीरवार को सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ने से शाहकोट के गांव मंडाला के पास अस्थायी बांध टूट गया।
इससे सुलतानपुर लोधी के बीस गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। 700 एकड़ फसलें पानी में डूब गए। भाखड़ा से और पानी छोड़ा गया तो ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पहले भी ब्यास दरिया के पानी से सुलतानपुर लोधी के मंड क्षेत्र के 25 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं। 15 से दिन पानी से घिरे इन गावों में गंदगी के चलते बीमारियां फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
यहां पर डेगूं, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने भी वीरवार को प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया और हालात से निपटने के लिए टीमें गठित कर दी। फिरोजपुर में भी सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ने से 30 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पानी लोगों को घरों में घुस गया है। करीब दस हजार एकड़ फसल पानी में डूब गई है। डिप्टी कमिश्नर दीप शिखा शर्मा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किया जा रहा है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं।
सतलुज के जलस्तर पर है नजर
बैंस कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब सरकार स्थिति पर पूरी तरह से नज़र बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि भाखड़ा से पानी छोड़ने के कारण सतलुज के जलस्तर को लेकर लोगों को अलर्ट किया जाए, साथ ही राहत सामग्री और आवश्यक संसाधन पूरी तरह उपलब्ध रखे जाएं।
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