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    पंजाब सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के समागम में विपक्ष को भी दिया विशेष आमंत्रण, राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठे सीएम मान

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 08:04 PM (IST)

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर विपक्षी नेताओं को आमंत्रित करके मिसाल कायम की। समागम में कोई राजनीतिक स्वार्थ नहीं था, बल्कि गुरु जी के आदर्शों का पालन किया गया। सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों ने सेवादारों की तरह काम किया। भव्य कीर्तन दरबार, लंगर और अन्य सुविधाओं का आयोजन किया गया। सीएम मान ने कहा कि धर्म और गुरुओं के मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

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    सीएम मान ने विपक्ष को गुरु तेग बहादुर समागम में आमंत्रित किया

    डिजिटल डेस्क, जालंधर/चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पुरब समागम को लेकर जो किया है, वो वाकई दिल जीत लेने वाला है। सीएम मान ने खुद सभी विपक्षी नेताओं को न्योता भेजकर यह साबित कर दिया कि गुरु के चरणों में सिर्फ श्रद्धा होती है, राजनीति नहीं।

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    इस ऐतिहासिक समागम में अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, भाजपा के सुनील जखड़, कांग्रेस के राजा वड़िंग सभी को विशेष आमंत्रण दिया गया।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया कि यह समागम किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, “गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। आज हम सब अपनी राजनीतिक पहचान को एक तरफ रखकर, सच्चे सेवादार बनकर गुरु जी के आदर्शों को नमन करने आए है।”

    पंजाब सरकार ने इस बार सचमुच कुछ अलग ही स्तर की तैयारी की है। पूरे समागम में कहीं कोई राजनीतिक बैनर नहीं, कोई अफसरशाही का दिखावा नहीं - बस सेवा, समर्पण और श्रद्धा। हर व्यवस्था इतनी सुंदर और व्यवस्थित थी कि लाखों श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।

    यह सच है कि पंजाब में बहुत सी पार्टियां आई है जो धर्म के नाम पर सिर्फ राजनीति करती रही है। मगर इस बार जो प्रबंध नज़र आया, वो पहली बार देखने को मिला है। जहां सरकार के सभी अधिकारी और मंत्री सच्चे सेवादार बनकर लंगर में सेवा कर रहे थे, श्रद्धालुओं की मदद कर रहे थे।

    भव्य कीर्तन दरबार, विशाल लंगर का आयोजन, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए विशेष व्यवस्था, साफ-सफाई, पानी, चिकित्सा सुविधा - हर चीज का इंतजाम शानदार था। गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और बलिदान पर आधारित कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और प्रवचन - सब कुछ बेहद भावुक और प्रेरणादायक रहा।

    आम जनता ने भी इस पहल की जमकर तारीफ की। लोगों ने कहा कि यही असली सेवा है, यही गुरुओं की शिक्षा है। जब नेता अपने राजनीतिक मतभेद भूलकर एक साथ आते है, तो यह दिखाता है कि पंजाब की धरती पर गुरुओं का संदेश आज भी जीवंत है।

    सीएम मान ने अपने भाषण में कहा, “हमने यह दिखा दिया है कि धर्म और गुरुओं के मामले में कोई राजनीति नहीं होती। सभी दलों के नेता यहां एक साथ होने चाहिए क्योंकि गुरु जी का संदेश हम सबके लिए है। यह एकता ही पंजाब की असली ताकत है।”

    पंजाब सरकार का यह विशाल आयोजन वाकई काबिल-ए-तारीफ है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि कैसे राजनीति से ऊपर उठकर, मानवता और एकता को सर्वोपरि रखा जा सकता है। यह समागम एकता के उस दीये की तरह है जो अंधकार में रास्ता दिखाता है और सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है।