'मान ने किसानों को मजबूर किया...' SAD ने पंजाब सरकार पर साधा निशाना; वार्ता फेल होने का CM को बताया कारण
किसान आंदोलन का प्रभाव दिल्ली की सीमाओं पर अच्छा खासा दिखाई दे रहा है। चौथी वार्ता का भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। ऐसे में किसान कल दिल्ली कूच करेंगे। किसान बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ शंभू बॉर्डर पर तैनात हैं। इसी क्रम में वार्ता विफल होने पर एसएडी ने शिरोमणि अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया है। एसएडी ने पंजाब सरकार को वार्ता फेल होने का कारण बताया है

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Farmers Protest: शिरोमणि अकाली दल ने आज किसान संगठनों और केंद्र के बीच बातचीत विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की दोहरी बातों ने किसान संगठनों को आंदोलन का रास्ता अपनाने का मजबूर कर दिया।
किसानों का विरोध करना मौलिक अधिकार
अकाली दल के वरिष्ठ नेता ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों के शांतिपूर्ण विरोध को दबाने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध एक मौलिक अधिकार है इसलिए किसानों को शांतिपूर्वक आगे बढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।’
उन्होंने केंद्र से किसानों का कर्ज माफ करने पर विचार करने की अपील करते हुए कहा, ‘अगर व्यापारियों के लाखों करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए जा सकते हैं तो किसान तो देश के अनाज सुरक्षा में योगदान करते हैं उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए’। प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का दोहरा चरित्र है।
किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने की दी परमिशन
एक ओर तो उन्होंने हरियाणा पुलिस को किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने दिए तथा रबड़ की गोलियां चलाने की अनुमति दी , वहीं, दूसरी ओर उन्होंने किसान समुदाय की वास्तविक मांगों के बारे केंद्र को गुमराह किया।’ मुख्यमंत्री को काफी चीजों के बारे स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने पटियाला के डिप्टी कमिश्नर को जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद करने की लिखित देने का आदेश क्यों दिया।
जिद ने पूरा माहौल खराब कर दिया
उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने केंद्र के प्रतिनिधियों के समक्ष केंद्र की स्थिति की गंभीरता से अवगत कराकर किसानों के हितों की रक्षा करने का प्रयास क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपना एजेंडा लाने के अलावा दोनों पक्षों को साथ लेकर चलने की जिद ने पूरा माहौल खराब कर दिया और वार्ता विफल हो गई।
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