कैप्टन सरकार के आम बजट खेल नगरी जालंधर के साथ 'खेल', कांग्रेस ने अपने ही गढ़ को किया दरकिनार
जालंधर में टेबल टेनिस हाल की मरम्मत के लिए 50 लाख रुपये की नाम मात्र घोषणा को छोड़ दें तो हर वर्ग बजट से निराश है। चुनावी वर्ष में हर वर्ग को उम्मीद थी कि सरकार कांग्रेस का गढ़ रहे जालंधर को कुछ खास जरूर देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

जालंधर, जेएनएन। पंजाब सरकार के आम बजट में खेल नगरी जालंधर के साथ खेल हो गया है। कांग्रेस का गढ़ रहे जालंधर को बजट में पूरी तरह से दरकिनार किया गया है। जालंधर के लिए यह बजट नई बोतल में पुरानी शराब साबित हुआ है। सरकार ने शहर के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की है। टेबल टेनिस हाल की मरम्मत के लिए 50 लाख रुपये की नाम मात्र घोषणा को छोड़ दें तो हर वर्ग बजट से निराश है। चुनावी वर्ष में हर वर्ग को उम्मीद थी कि सरकार कांग्रेस का गढ़ रहे जालंधर को कुछ खास जरूर देगी, लेकिन ऐसा न हो सका। सरकार ने सभी पुराने प्रोजेक्टों को ही दोहराया है।
कांग्रेस सरकार अगला विधानसभा चुनाव इन्हीं घोषणाओं के दम पर जीतने की कवायद में लग रही है। राजनीतिक विशेषज्ञ इस बजट को चुनावी बजट नहीं मान रहे हैं। सरकार अपने आखिरी बजट में हमेशा ही बड़ी राहत की घोषणा करती है, लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आया। बुढ़ापा पेंशन व शगुन स्कीम में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन इससे प्रोडक्टिवटी नहीं बढ़ेगी। अगर इंडस्ट्री, ट्रेड के लिए बड़ी घोषणा होती तो सरकार की आय बढ़ने का भी इंतजाम होता। युवाओं को रोजगार मिलता।
टेबल टेनिस हाल के लिए 50 लाख का फंड घोषित किया गया है। यह शहर के लिहाज से बेहद कम है, क्योंकि जालंधर खेल नगरी मानी जाती है। शहर खेल सामग्री निर्माण का देश का सबसे बड़ा केंद्र है, लेकिन बजट में खेल इंडस्ट्री के लिए भी कोई राहत नहीं है।
नए फोकल प्वाइंट की घोषणा न होने से निराशा
बजट से सबसे बड़ी उम्मीद इंडस्ट्री को थी। इंडस्ट्री पिछले कई सालों से यह मांग कर रही है कि नए यूनिट की स्थापना के लिए शहर के पास एक नया फोकल प्वाइंट विकसित किया जाए। इंडस्ट्री मिनिस्टर व विधायकों ने भी कई बार नया फोकल प्वाइंट विकसित करने का सपना दिखाया, लेकिन बजट में यह सपना हकीकत में नहीं बदल पाया। अब उद्योगपति निराश हैं, क्योंकि ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई।
विकास के नाम पर पुराने प्रोजेक्ट ही दोहराए
शहर के विकास के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। सड़क, सीवरेज और मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई नया बजट नहीं आया है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट व ई गवर्नेस से जुड़े सेफ्टी प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इसके लिए पंजाब सरकार ने बजट में सिर्फ फंड एलोकेट किया है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर तो ग्राउंड लेवल पर काम शुरू हो चुका है।
एजुकेशन सेक्टर के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं
ई-गवर्नेंस के तहत सीसीटीवी कैमरों समेत अन्य प्रोजेक्ट भी पहले से ही घोषित हैं। इसका टेंडर भी लगाया हुआ है। वैसे भी इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए फंड अमृत और स्मार्ट सिटी कंपनी ने ही खर्च करना है। अन्य सेक्टर भी मायूस हुए बजट से इस बार अन्य सेक्टर भी निराश हैं। एजुकेशन सेक्टर के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। हेल्थ सेक्टर में जो भी घोषणा हुई है, वह प्रोजेक्ट भी पहले से ही चल रहे हैं। बजट में सिर्फ इनके लिए फंड ही दिखाया गया है। जालंधर में वर्किग वूमेन होस्टल बनाने की घोषणा की गई है, लेकिन यह घोषणा पिछले साल के बजट में भी की गई थी। एक साल में कोई यह काम नहीं हो पाया और इस बार के बजट में भी इसे दोबारा दिखाया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।