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    Punjab Election 2022: पंजाबी रंग में रंगे चुनावी नारे, नेता खुद को बता रहे धरतीपुत्र और किसान का बेटा

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Fri, 04 Feb 2022 10:42 AM (IST)

    Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 सभी पार्टियां सिर्फ पंजाब पंजाबी व पंजाबियत पर हैं। वे जानते हैं कि सबसे बड़ा मुद्दा ही पंजाब है इसलिए लोकल मुद्दे गाय ...और पढ़ें

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    Punjab Election 2022 पंजाब में लोकल मुद्दे गायब हैं। सभी नारों, वादों में अकेले पंजाब का जिक्र है।

    सुमित मलिक, जालंधर। राजनीति में नारों का अपना ही महत्व है। बिना नारों के लोकतंत्र का महोत्सव अधूरा सा प्रतीत होता है। ये नारे न केवल समर्थकों व रैलियों में जुटी भीड़ में जोश भरने का काम करते बल्कि मतदाता के दिमाग में ऐसी छाप छोड़ जाते हैं कि वोट उसी पार्टी या नेता के हक में जाता है। 80 के दशक में आए गरीबी हटाओ, इंदिरा लाओ देश बचाओ, जय जवान-जय किसान जैसे नारे आज भी लोगों के जेहन में है। इस बार पंजाब में भी नारे प्रत्याशियों व राजनीतिक पार्टियों के वारे-न्यारे करने में सहायक हो सकते हैं।

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    इस बार के नारों में खास यह है कि सभी पार्टियों का फोकस विभिन्न मुद्दों से हटकर सिर्फ पंजाब, पंजाबी व पंजाबियत पर हैं। वे जानते हैं कि सबसे बड़ा मुद्दा ही पंजाब है, इसलिए लोकल मुद्दे गायब हैं और सभी नारों, वादों व माडल में अकेले पंजाब का जिक्र है। हर एक प्रत्याशी स्थानीय मुद्दे के बजाय खुद को पंजाब का पुत्त कहकर पेश कर रहा है। गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई, कृषि आदि पर किसी भी पार्टी ने कोई नारा नहीं दिया। उनके नारों में सिर्फ पंजाब की आन-बान, नए पंजाब की सोच, पंजाब की बात हो रही है।

    ‘सरबत दा भला‘ नारे पर एसजीपीसी को आपत्ति

    विभिन्न पार्टियों नारों से ही जवाब भी दे रही है। भाजपा के सबसे पापुलर नारे मोदी है तो मुमकिन है का जवाब इन दिनों मोदी है तो महंगाई है से दिया जा रहा है। कांग्रेस ने बुधवार शाम ‘पंजाब दी चढ़दी कला, कांग्रेस मंगे सरबत दा भला’ के नारे से प्रचार अभियान शुरू किया तो एसजीपीसी ने आयोग से शिकायत कर दी। कहा कि सिख अरदास की पंक्ति को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

    इन नारों से भी पार्टी भर रही जोश

    शिअद

    जो किहा ओह कित्ता, जो कहांगे ओह करांगे।

    हर पंजाबी नूं विश्वास, सुखबीर करेगा विकास

    करेगा तरक्की अपार, अकाली-बसपा सरकार

    बणूगी गल, निक्कलू हल, आ रेहां अकाली दल।

    पंजाब दी बदलेगा तकदीर, सुखबीर वीर

    भाजपा-पीएलसी के नारे 

    -बड़े फैसले, कम हुए फासले

    -सिरजांगे नवां पंजाब, भाजपा दे नाल

    -सब तो पहलां पंजाब

    अकाली दल के नारे

    -सोच विकास दी, नवें पंजाब दी

    -गल्ल राज दी नी, गल्ल पंजाब दी

    आप के नारे

    -पहलां दिल्ली बदली, हुण पंजाब बदलेगा

    -पंजाब दी आन-बान शान, भगवंत मान

    -केजरीवाल-केजरीवाल, सारा पंजाब तेरे नाल।

    - इक्क मौका केजरीवाल नूं।

    कांग्रेस के नारे

    -दिल च पंजाब, जीतेगी पंजाबियत

    -नवीं सोच-नवां पंजाब

    -पंजाब दी चढ़दी कला, कांग्रेस मंगे सरबत दा भला

    जीत में इन नारों ने निभाई अहम भूमिका

    अबकी बार मोदी सरकार, मोदी 2.0, मैं भी चौकीदार और खेला होबे ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। 2017 चुनाव में कांग्रेस कैप्टन के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी इसलिए सभी नारे कैप्टन से ही जुड़े थे। जैसे पंजाब का कैप्टन, घर-घर कैप्टन, काफी विद कैप्टन, सारा पंजाब कैप्टन दे नाल।