लाल लकीर एरिया में प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने में नहीं होगी परेशानी
अगर आपकी प्रापर्टी लाल लकीर एरिया के दायरे में आती है तो आपके लिए राहत भरी खबर है। इस दायरे में आती कामर्शियल रेजिडेंशियल व एग्रीकल्चर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाते समय एनओसी की जरूरत नहीं रहेगी।

शाम सहगल, जालंधर
अगर आपकी प्रापर्टी लाल लकीर एरिया के दायरे में आती है तो आपके लिए राहत भरी खबर है। इस दायरे में आती कामर्शियल, रेजिडेंशियल व एग्रीकल्चर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाते समय एनओसी की जरूरत नहीं रहेगी। इसके लिए केवल नई व पुरानी रजिस्ट्री पेश करनी होगी। नए नियमों के मुताबिक एनओसी देने की जरूरत नहीं रहेगी। रेवेन्यू विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर हिदायतें जारी की है। जिले के सब-रजिस्ट्रार आफिस एक व दो में हिदायतों को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया। यह आदेश ग्रामीण व शहरी दोनों इलाकों में मान्य होंगे।
दरअसल नौ अगस्त को कोर्ट के आदेशों के बाद पंजाब सरकार ने पत्र जारी कर सभी तरह की प्रापर्टी की रजिस्ट्री करने के लिए एनओसी की अनिवार्यता कर दी थी। आदेशों के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई थी पर अब सरकार ने लाल लकीर एरिया में बिना एनओसी के रजिस्ट्री को लेकर राहत दी है। इन आदेशों के बाद ग्रामीण व शहरी इलाकों में प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त आसान होगी। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों को भी इसका लाभ निश्चित रूप से मिलेगा। सब-रजिस्ट्रार वन मनिदर सिंह सिद्धू ने कहा कि केवल पुरानी रजिस्ट्री साथ लानी होगी। जालंधर में यहां हैं लाल लकीर की प्रापर्टी
लाल लकीर एरिया की प्रापर्टी की रजिस्ट्री तो होती है लेकिन निगम इसका टीएस फार्म जारी नहीं करता क्योंकि पुराने शहर व गांव में लैंड रिकार्ड में न तो प्रापर्टी की मैपिग की गई होती और न ही इसका जिक्र होता है। यहीं कारण है कि बैंक भी लाल लकीर प्रापर्टी पर कर्ज देने से कतराते हैं। जालंधर के गोपाल नगर, दिलकुशा मार्कट, शेखां बाजार, छोटा रैनक बाजार व कादे शाहचौक का कुछ हिस्सा, बस्ती गुजां से दिलबाग नगर रोड, माडल टाउन मेन रोड के अलावा गांव ढिलवां, लिद्दड़ा, धीना, नूरपूर सहित कई ग्रामीण इलाके लाल लकीन प्रापर्टी का हिस्सा हैं।
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