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    वैक्सीन से पहले खुद सावधानी बरतें, यही है एड्स से बचने का सबसे बेहतर उपाय

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Mon, 18 May 2020 05:25 PM (IST)

    World AIDS Vaccine day पंजाब में ज्यादातर युवा नशे की लत की वजह से नामुराद बीमारी की चपेट में फंस रहे हैं। जागरूकता का दायरा बढ़ाने से उन्हें एड्स की ...और पढ़ें

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    वैक्सीन से पहले खुद सावधानी बरतें, यही है एड्स से बचने का सबसे बेहतर उपाय

    जालंधर, जेएनएन। एचआईवी एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका कलंक मरीज के मरने के बाद ही मिटता है। विश्व भर में वैज्ञानिक इस बीमारी से बचाव को लेकर वैक्सीन की खोज में जुटे है परंतु सफलता से कोसों दूर है। वेक्सीन से पहले खुद सावधानी रखने से बीमारी को मात देना आसान है। लोगों में जागरूकता के चलते टेस्ट करवाने वालों की संख्या में इजाफा होने से मरीजों का ग्राफ भी बढ़ा है। एड्स के लिए एक ही सीरिंज से नशे के टीके लगाना और असुरक्षित यौन संबंध प्रमुख कारण माने गए हैं।

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    इंटेग्रेटिड कौंसलिंग एवं टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) के प्रभारी डॉ. एलफर्ड का कहना है कि ज्यादातर लोग तो बीमारी से अंजान होते है और टेस्ट करवाने के बाद ही सच्चाई उजागर होती है। विश्व स्तर पर वैक्सीन पर लंबे अर्से से काम हो रहा है परंतु नतीजे सामने नहीं आए हैं। सरकार की ओर से मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है और कई मरीज दवाइयों के सहारे समान्य लोगों की तरह जिंदगी व्यतीत कर रहे है। पंजाब में ज्यादातर युवा नशे की लत की वजह से नामुराद बीमारी की चपेट में फंस रहे हैं। जागरूकता का दायरा बढ़ाने से उन्हें एड्स की आग से बचाना संभव है।

    एचआईवी पॉजिटव केस

    मार्च 2017 - 5916

    सितंबर 2018 - 7075

    अक्तूबर 2019 - 8081

    (आईसीटीसी सेंटर के प्रभारी डाॅ. एलफर्ड के अनुसार)

    ये हैं एचआईवी एड्स के कारण

    असुरक्षित यौन संबंध इसका सबसे प्रमुख कारण है, इससे वायरस एड्स ग्रस्त व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में तुरंत प्रवेश कर जाते हैं।

    बिना जांच का खून मरीज को देना भी एड्स का कारण है। खून के माध्यम से वायरस सीधे खून में पहुंच बीमारी को जल्दी बढ़ावा देते है।

    एक-दूसरे की सिरींज-निडिल का इस्तेमाल कर नशीले पदार्थ लेने वाले लोग भी एड्स ग्रस्त होते हैं।

    गर्भवती मां से पैदा होने वाला बच्चा भी एड्स ग्रस्त हो सकता है। डाक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है।

    लक्षण

    • बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, रात के दौरान पसीना, बढ़ी हुई ग्रंथियां, भार कम होना, थकान, कमोजरी, जोड़ो का दर्द, मांसपेशियों में दर्द व लाल चकत्ते
    • 30-35 दिन से ज्यादा डायरिया रहना।
    • लगातार बुखार बना रहना प्रमुख लक्षण है।
    • प्रतिरोधक शक्ति कम होने से एचआईवी के साथ टीबी व काला पीलिया का खतरा बढ़ जाता है।

    ऐसे नही फैलती एड्स

    एड्स के बारे में समाज में कुछ भ्रांतियां है । एड्स हाथ मिलाने, गले लगने, छींकने,चुंबन लेने, अटूट त्वचा को छूने या एक ही शौचालय के उपयोग एक साथ खाना खाने, मच्छर के मरीज के के बाद स्वस्थ्य व्यक्ति को काटने माध्यम ,पीड़ित के साथ खाने-पीने, बर्तनों कि साझीदारी, पशुओं के काटने ,खांसी या छींकों से कभी नहीं फैलता है।

    बचाव के ये उपाय

    • पीड़ित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए।
    • अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें। एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध ना रखें।
    • खून को अच्छी तरह जांचकर ही चढ़ाना चाहिए।
    • उपयोग की हुई सुईओं, सीरिंजों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करने के लिए कहे।
    • एड्स से जुड़ी हुई भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। 

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