फिल्लौर के विवादित मामले में लड़के की रिपोर्ट नेगेटिव, थूक लगाकर नोट फेंकने की बात निराधार निकली
पुलिस जांच में पता चला है कि उसने कुछ भी जानबूझकर नहीं किया था। वह कुछ अपसेट था। थूक लगाने वाली जैसी बात भी निराधार निकली तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया गया।
जालंधर, जेएनएन। फिल्लौर में 25 मार्च को एक कन्हैया लाल नाम का लड़का नोट फेंकता पकड़ा गया था। उसे फिल्लौर पुलिस ने पकड़ा था। पकड़ कर साथ में हेल्थ टीम के साथ पीपीई किट पहनाकर उसका सैंपल जालंधर सिविल अस्पताल में टेस्ट के लिए भेज दिया गया था। यह लड़का फिल्लौर में एक फैक्ट्री में काम करता था। उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे उसी फैक्ट्री में छोड़ दिया गया था।
जांच में पता चला है कि उसने कुछ भी जानबूझकर नहीं किया था। वह कुछ अपसेट था। थूक लगाने वाली जैसी बात भी निराधार निकली तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि उक्त युवक नोटों पर थूक लगाकर फेंक रहा था। इसलिए पूछताछ के लिए पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था और कहा था कि इसकेे कोरोना के सैंपल लिए जाएंगे।
फिल्लौर से उक्त वह को जांच के लिए जालंधर भेज दिया गया था यहां पर उसके सैंपल लेने के बाद जब उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई तो उसे दोबारा छोड़ दिया गया सूचना है कि युवक फिल्लौर स्थित जिस फैक्ट्री में काम करता था, अभी उसी फैक्ट्री में है।
ये था मामला
25 अप्रैल को फिल्लौर पुलिस को सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति थूक लगाकर नोट फेंक रहा है। पुलिस ने संदेह के आधार पर युवक को हिरासत में लेकर पीपीई किट पहनवा उसका सैंपल लिया था और सिविल अस्पताल जालंधर भेज दिया था। उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। पुलिस जांच में थूक लगा कर नोट फेंकने की बात भी सही नहीं निकली।
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