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    CoronaVirus: जालंधर में कोरोना बढ़ने का बड़ा कारण; सैंपलों की संख्या तो बढ़ी लेकिन चार से पांच दिन लेट आ रही रिपोर्ट

    By Rohit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 25 Mar 2021 10:36 AM (IST)

    CoronaVirus सेहत विभाग ने कोरोना वायरस के शिकार मरीजों को ढूंढ निकालने के लिए सैंपलों की संख्या को तो बढ़ा दिया लेकिन सैंपलों की जांच करने वाली लैब की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। नतीजा लोगों को जांच रिपोर्ट के लिए तीन से चार दिन का इंतजार करना पड़ता है।

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    जालंधर में लोगों को कोरोना जांच रिपोर्ट के लिए तीन से चार दिन का इंतजार करना पड़ता है।

    जालंधर, जेएनएन। सेहत विभाग ने कोरोना वायरस के शिकार मरीजों को ढूंढ निकालने के लिए सैंपलों की संख्या को तो बढ़ा दिया लेकिन सैंपलों की जांच करने वाली लैब की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। नतीजा, लोगों को जांच रिपोर्ट के लिए तीन से चार दिन का इंतजार करना पड़ता है। जिनका सैंपल रविवार को लिया गया, उनकी रिपोर्ट बुधवार तक भी नहीं आई। इस वजह से सैंपल देने वाले लोग तीन से चार दिन तक तनाव में रहते हैं और उनके इलाज में देरी से वायरस के बढ़ने व बड़े स्तर पर लोगों में फैलने का खतरा मंडराता रहता है। राज्य सरकार ने रोजाना छह हजार लोगों के सैंपल लेकर जांच करवाने का लक्ष्य दिया है।

    जालंधर में औसतन पांच हजार सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं। उनको आगे सरकारी मेडिकल कालेज फरीदकोट व एनआरडीडीएल में भेजा जा रहा है। सरकारी मेडिकल कालेज फरीदकोट से तीसरे दिन रिपोर्ट आ रही है जबकि एनआरडीडीएल से रिपोर्ट आने में चार से पांच दिन लग रहे हैं। हालांकि सरकार ने 24 घंटे में रिपोर्ट देने का दावा किया था लेकिन सिविल अस्पताल के फ्लू कार्नर में रोजाना रिपोर्ट लेने वालों की लंबी लाइनें लगी नजर आती हैं। इनमें वे लोग भी होते हैं जिन्हें पाजिटिव होने की सूचना देरी से मिलती है। उनसे आगे कई लोगों को वायरस फैलने का खतरा मंडराता रहता है।

    डीसी ने भी किया लैब का दौरा, कहा-कोरोना को रोकना है तो जल्द आनी चाहिए रिपोर्ट

    उधर यह मामला डीसी घनश्याम थोरी के ध्यान में भी आया है। उन्होंने सेहत विभाग के अधिकारियों को आरटी-पीसीआर सैंपलों की स्थानीय एनआरडीडीएल लैब लाडोवाली रोड में जांच करवाने के आदेश दिए। रिपोर्ट देरी से मिलने के मामले को लेकर एनआरडीडीएल लैब का सामथ्र्य जांचने के लिए वे लैब भी पहुंचे। उनके साथ एडीसी जसबीर सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोरोना के सैंपल की जांच रिपोर्ट कम से कम समय में मिले। पाजिटिव मामलों का जल्द पता लगने से संपर्क में आए लोगों की पहचान करने और उनको जल्द एकांतवास करके ही वायरस रोका जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिलेगी। एनआरडीडीएल लैब में रोज 1000 सैंपल जांचे जा रहे हैं। इनको 1500 से अधिक तक बढ़ाया जाएगा। उधर, लैब के प्रभारी डा. महिंदर पाल सिंह ने बताया कि अभी दो शिफ्ट में सैंपल जांचे जा रहे हैं। लैब में तीसरी शिफ्ट शुरू करने के लिए बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसिस को भी नीतियों के अनुसार स्टाफ की तैनाती और अन्य उपकरण व सामान मुहैया करवाने की पेशकश की है।

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