JEE Advanced 2022 : अमृतसर के निपुण ने जिले में किया टाप, देश में पाया 146वां रैंक; बड़े भाई को बनाया मार्गदर्शक
जेईई एडवांस में अमृतसर के निपुण ने देशभर में 146वां रैंक हासिल कर जेल में टाप किया है। वहीं सर्कुलर रोड स्थित प्रिंस एवेन्यू निवासी गौरांग गुप्ता ने 2 ...और पढ़ें

हरदीप रंधावा, अमृतसर: संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई एडवांस) के रविवार को घोषित हुए परिणाम में शहर से गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) कैंपस में रहने वाले निपुण नौहरिया ने 360 में से 228 अंक हासिल करके देश में 146वां रैंक और जिले में टाप किया है। निपुण ने अपने बड़े भाई को मार्गदर्शक बना यह सफलता हासिल की है। वहीं सर्कुलर रोड स्थित प्रिंस एवेन्यू निवासी गौरांग गुप्ता ने 207 अंक हासिल करके देश में 504वां रैंक और जिले में दूसरा स्थान, फतेहगढ़ चूढ़ियां रोड के वृंदावन गार्डन निवासी शिवांश मंगल ने 181 अंक हासिल करके 705वां रैंक व जिले में तीसरा स्थान और मजीठा रोड स्थित डायमंड एवेन्यू निवासी अनमोल दीप सिंह ढिल्लों ने 173 अंक पाकर 913वां रैंक व जिले में चौथा स्थान प्राप्त किया है। इन विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने बिना किसी तनाव के पढ़ाई की और आज वे सफल हुए हैं। जेईई एडवांस के परिणाम में रंजीत एवेन्यू स्थित फिटजी के 6 विद्यार्थियों ने शीर्ष स्थान हासिल किए हैं और उनमें चारों ही विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का दमदार प्रदर्शन किया है। उनके साथ ही साथ हार्दिक शर्मा के साथ-साथ सारांश शर्मा का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा है।
निपुण का सपना भाई की तरह साफ्टवेयर इंजीनियर बनने का
निपुण नौहरिया साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। उनके बड़े भाई सिद्धार्थ नौहरिया भी छह साल पहले जेईई एडवांस की परीक्षा में शहर से टापर रहे और आज वह साफ्टवेयर इंजीनियर बन चुके हैं। उन्हीं को अपना मार्गदर्शक मानने के साथ-साथ अपने खुद के सपने को पूरा करने के लिए जेईई एडवांस की परीक्षा में निपुण ने देश में 146वां स्थान प्राप्त किया है। लारेंस रोड के डीएवी पब्लिक स्कूल से बाहरवीं कक्षा में उन्होंने 94 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने के बाद जेईई मेंस की परीक्षा में 99.91 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, जिसके बाद अब साफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ी है। उनके पिता विकास नौहरिया मैकेनिकल इंजीनियर और माता मीनाक्षी सिंघल जीएनडीयू के आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट में अस्सिटेंट प्रोफेसर हैं।
शुरू से कंप्यूटर का डाक्टर बनने का था सपना, अब होगा साकार
जेईई एडवांस में 360 में से 207 अंक प्राप्त करके 504वां स्थान हासिल करने वाले गौरांग गुप्ता का सपना कंप्यूटर इंजीनियर बनना है। प्रिंस एवेन्यू निवासी गौरांग गुप्ता के पिता डा. आशीष गुप्ता नेत्र विशेषज्ञ हैं, जोकि पट्टी के सिविल अस्पताल में सेवा निभा रहे हैं। उनकी मां डा. डेजी गुप्ता अमृतसर के सरकारी मेडिकल कालेज में बतौर रेडियोलाजिस्ट की सेवा निभा रही हैं। गौरांग गुप्ता ने बताया कि 12वीं कक्षा तक पढ़ाई उन्होंने स्प्रिंग डेल सीनियर स्कूल से की है, जिसमें उन्होंने 93 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उसके बाद जेईई एडवांस में सफलता पाने से पहले उन्होंने जेईई मेंस में जनरल कैटेगरी में 300 में से 265 अंकों की मदद से 631वां स्थान हासिल किया था। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद विदेश में सेटल होना उनकी चाहत है व टेक्नोलाजी में ध्यान होने की वजह से वह एक कंप्यूटर इंजीनियर ही बनना चाहते हैं।
पिता अकाउंटेंट और मां डाक्टर, बेटे ने इंजीनियरिंग फील्ड को चुना
फतेहगढ़ चूढ़ियां रोड के वृंदावन गार्डन निवासी शिवांश मंगल में 181 अंक हासिल करके 705वां स्थान पाया है। शिवांश मंगल ने बताया कि उनके पिता अरुण मंगल अकाउंटेंट हैं जबकि मां मोनिका अग्रवाल बीएएमएस डाक्टर हैं। मजीठा रोड स्थित श्री राम आश्रम स्कूल से बाहरवीं क्लास में उन्होंने 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे जबकि जेईई मेंस में उन्होंने 99.92 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास करने के बाद अब जेईई एडवांस की परीक्षा में 181 अंक हासिल करके 705वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने खुद इंजीनियरिंग में जाने का फैसला लिया, क्योंकि इस फील्ड में उन्हें आगे बढ़ने के लिए बहुत से मार्ग मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि सफलता हासिल करने के मसकद से उन्होंने लगातार पढ़ाई करके सफलता पाई है। नेशनल टेलेंट सर्च एक्जामिनेशन (एनटीएसई) की स्कालरशिप भी पा चुके हैं।
पिता को देख अनमोल ने बनना चाहा इंजीनियर
डायमंड एवेन्यू निवासी अनमोल दीप सिंह ढिल्लों ने 173 अंक पाकर 913वां स्थान प्राप्त किया है। जेईई मेंस में उन्होंने 99.93 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। वहीं मजीठा रोड स्थित मिलेनियम स्कूल से बाहरवीं कक्षा में 96 प्रतिशत अंकों से सफलता हासिल की थी। अनमोल दीप के पिता इंजीनियर सकतर सिंह ढिल्लों पावरकाम से बार्डर जोन के पूर्व चीफ इंजीनियर रह चुके हैं। मां डा. सुखराज कौर ढिल्लों शहर में सरकारी मेडिकल कालेज में बायो केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं। अनमोल ने बताया कि उन्हें बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना था, क्योंकि उनके पिता भी इंजीनियर हैं। बचपन से ही इंजीनियरिंग के विषय में देखने व सुनने में अच्छा लगता है और आज बीटेक करने का मौका है। नेशनल टेलेंट सर्च एक्जामिनेशन (एनटीएसई) के साथ-साथ किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) स्कालरशिप भी हासिल कर चुके हैं।

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