तीसरी लहर से पहले सांसों का संकट दूर करने में जुटी नेशनल हाईवे अथारिटी
देशभर में हाईवे बनाने की जिम्मेदारी निभा रही नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया अब मरीजों को सांस उपलब्ध करवाने में भी जुट गई है।

जागरण संवाददाता, जालंधर : देशभर में हाईवे बनाने की जिम्मेदारी निभा रही नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया अब मरीजों को सांस उपलब्ध करवाने में भी जुट गई है। केंद्र सरकार के आदेश पर पंजाब के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। पंजाबभर के 42 सरकारी अस्पतालों में ये प्लांट लगेंगे। प्लांट लगने के बाद न केवल आक्सीजन का संकट दूर होगा बल्कि बाहर से आक्सीजन की निर्भरता भी खत्म हो जाएगी।
हाईवे अथारिटी जालंधर के पीडी (प्रोजेक्ट डायरेक्टर)कार्यालय की तरफ से जालंधर, नकोदर, कपूरथला, होशियारपुर, दसूहा, गढ़शंकर, नंगल, नवांशहर और पठानकोट में ये प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। आक्सीजन प्लांटों की मशीनरी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने हाईवे अथारिटी को मुहैया करवाई है। प्लांट से सीधे मरीज के बेड तक आक्सीजन पहुंचाई जाएगी। होशियारपुर और कपूरथला के अस्पतालों में तो मशीनरी इंस्टाल भी की जा चुकी है और बाकी बचे सात प्लांटों में काम युद्धस्तर पर जारी है। प्रत्येक प्लांट की क्षमता (लिक्विड/मिनट) एलपीएम जरूरत के मुताबिक तय की गई है। जुलाई में ही सभी नौ प्लांटों के वर्किंग में आ जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दूसरी लहर में आई थी भारी किल्लत
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पंजाब में जिदगी से जंग लड़ रहे मरीजों को आक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी। इंडस्ट्री की आक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई थी और अन्य प्रदेशों से लिक्विड आक्सीजन का प्रबंध करना पड़ा था। रेलवे और इंडियन आयल की तरफ से भी जालंधर में लिक्विड आक्सीजन मुहैया करवाई गई थी। भविष्य में ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्लांट लगाए जा रहे है। काम जल्दी हो इसलिए हाईवे अथारिटी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।
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